प्रस्तावित मास्टर प्लान में निम्नलिखित त्रुटियों को सुधारें

नरेन्द्र कुमार जैन सीए
नरेन्द्र कुमार जैन सीए

यह खुशी की बात है कि अजमेर के प्रस्तावित मास्टर प्लान 2030 में सुधार पर विचार-विमर्श का सिलसिला प्रारम्भ हो चुका है और यह निश्चय किया गया है कि अजमेर के मास्टर प्लॉन की वर्तमान त्रुुटियों को दूर करते हुए पुन: तैयार किया जाएगा।
इस सम्बन्ध में हम एक बात विशेष रूप से कहना चाहते हैं कि नाका मदार क्षेत्र में गुलाब बाड़ी रेल फाटक से लेकर नेहरू नगर तक 20-30 वर्ष पुराने आयरन स्क्रेप के व्यापारिक प्रतिष्ठान हैं जिनमें रोलिंग मिल का कारखाना, छोटी एग्रो इण्डस्ट्रीज की यूनिटें, आयरन शीट से विभिन्न प्रॉडक्ट बनाने के कारखाने, तीन धर्मकांटे शामिल हैं।
इस क्षेत्र को वर्तमान मास्टर प्लॉन में आवासीय क्षेत्र दिखाया गया है। इन व्यावसायिक गतिविधियों की पूर्णत: अनदेखी की गई है। मास्टर प्लान हेतु सर्वे करते समय भी सर्वे टीम ने इन व्यावसायिक गतिविधियों को अनदेखा किया है और इस क्षेत्र को व्यावसायिक क्षेत्र घोषित नहीं किया है।
गुलाब बाड़ी रेल फाटक पर अब आर ओ बी की स्वीकृति रेल बजट में मिल गई है और श्ीघ्र ही इस पर काम चालू होगा। राज्य सरकार पहले ही इस ब्रिज हेतु स्वीकृति दे चुकी है। इस ब्रिज के बनने के बाद इस सड़क से रोडवेज का नसीराबाद व ब्यावर वाला रूट चालू हो जाएगा क्योंकि मेयोलिंक रोड से रोडवेज बसों का चलना काफी समय से असुविधाजनक व खतरनाक समझा जाता है। यह रोड संकरा होने के कारण आए दिन जाम की स्थिति बनी रहती है ओर दुर्घटनाएं भी होती रहती हैं।
हमारा निवेदन है कि इस पूरे क्षेत्र को रोड के दोनों ओर व्यावसायिक क्षेत्र घोषित किया जाय ताकि यहां फलफूल रही व्यापारिक गतिविधियों को और बढ़ाया जा सके। यहां आयरन स्क्रेप व अन्य आयरन उत्पाद की वे यूनिटें हैं जो राजस्थान भर में माल सप्लाई करती हैं। यहां आयरन चद्दरों से कढाई, तगारी, इमामदस्ते आदि बनाने की राजस्थान प्रसिद्ध फैक्ट्री है जो पूरे राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में माल भेजती है।
-एन. के. जैन सीए, वरिष्ठ पत्रकार

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