आई जी पी पालीवाल साहब की याद आ गई

Rajesh Tandon 3आज पता नहीं क्यों अनायास ही आदरणीय अनिल पालीवाल साहब आई जी पी  अजमेर रेंज के कार्यकाल की याद आ गई, अगर कहीं यह पुलिस और सरकार को शर्मसार करने करने वाली डांगावास जिला नागौर की नरसंहार की घटना उनके कार्यकाल में हो गई होती तो वह खाना पानी छोड़ कर मेडता में ही बैठे होते ,औऱ जब तक अपराधी पुलिस की गिरफ्त में ना होते उन्हें चैन की सांस ही नहीं आती।औऱ आज शायद वहाँ I G तो क्या कोई Dysp भी शायद ही गया हो ,बीट का सिपाही भी वहां जाना भी गवारां नहीं करता: मुकामी पुलिस औऱ उनके मरजीदान उच्च अधिकारीयो को वही दिखाते है जो वह चाहते है, बरसों से वहीं जमे बैठे लोग अपना ही हित देखते है थाने से 9 K M दूर इतना बडा नरसंहार हो गया जैसे साक्षात यमराज ही डागांवास आ गये हों और मौत का तांडव खेल रहे हो जंगल राज का साक्षात दर्शन ।रोम जल रहा था और नीरू बंसुरी बजा रहा था , अपराधी निरिह दलितो को भागा ,भागा कर मार रहे थे अस्पताल तक में जा कर मार रहे थे, पुलिस ओपरेशन औवर होने का इन्तजार कर रही थी, खुदा की कसम पालीवाल साहब तुम बहुत याद आये,तुम्हारी कार्यशैली बहुत याद आई तुम्हारी क्राइम औऱ क्रीमनल पर पकड याद आई और ईमानदारी , पुलिसिगं सुपरवाइजनिगं बहुत याद आई।अब तो इस रेंज में अपराधियों में विश्वास और आम जनता में भय का पुलिस का सलोगन अपना रुप स्वरूप दिखा रहा है।

राजेश टंडन
वरिष्ठ अधिवक्ता

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