कोई छह माह पहले पीएम नरेन्द्र मोदी ने अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाने की घोषणा की थी तभी से शहर के लाखों नागरिक स्मार्ट सिटी का सपना देख रहे थे, लेकिन अब नागरिकों का यह सपना टूट गया हैं क्योंकि न तो अमेरिका की सरकार ना हमारी सरकार अजमेर को स्मार्ट बनाने जा रही है। बल्कि अमेरिका के उद्योगपति भारतीय कम्पनियों से मिलकर अजमेर में अपना कारोबार करेंगे। इसीलिए पुष्कर के निकट अनन्ता रिसोर्ट में अमेरिका के उद्योगपतियों और भारत के उद्योग जगत से जुड़े प्रतिनिधियों की एक कांफे्रंस 29 और 30 मई को हुई। इस कांफ्रेंस का मकसद भी यही रहा कि अजमेर में किस प्रकार से उद्योग लगाए जा सकते हंै। सब जानते हैं कि जब कोई उद्योगपति अपना उद्योग लगता है तो उसका मकसद सेवा का नहीं कमाई का होता है। अब जब अमेरिका के उद्योगपति हमारी कम्पनियों के साथ मिलकर कोई कारोबार करेंगे तो उन्हें रियायती दर पर जमीन भी चाहिए होगी और सरकार से टैक्स आदि में रियायत भी लेंगे। यानि अजमेर के नागरिक स्मार्ट सिटी का जो सपना देख रहे थे उसके विपरीत अजमेर के प्राकृतिक संसाधनों का दोहन होगा। माना कि अमेरिका का कोई उद्योगपति अजमेर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम लागू करेगा। इसका यह मतलब नहीं कि रोडवेज की बसों की तरह समाज के विभिन्न वर्गो को रियायत मिलेगी। अमेरिकी उद्योगपति की बसों में तो मोटा शुल्क चुकाना ही पड़ेगा। यह बात अलग है कि अमेरिका की बसें साफ सुथरी वातानुकूलित होगी। इसी प्रकार आईटी हब बना तो यहां प्रशिक्षण लेने वाले विद्यार्थियों को भी मोटी फीस देनी होगी। अब तक की जानकारी के मुताबिक अमेरिका और भारत के कारोबारी धर्मार्थ का कोई काम नहीं करेंगे। यदि सरकार ने कम्पनियों की शर्तों को माना तभी औद्योगिक इकाइयां लगाई जाएगी। जहां तक शहर के दरगाह क्षेत्र, मदारगेट, नला बाजार,नया बाजार, कचहरी रोड, स्टेशन रोड, केसरगंज आदि बाजारों का सवाल है तो इनकी दशा सुधारने का फिलहाल कोई कार्यक्रम नहीं है। यह बिगड़े इलाके तो ऐसे ही रहेंगे। इसके विपरीत अजमेर, किशनगढ़ और पुष्कर क्षेत्रों में खाली पड़ी भूमि पर औद्योगिक इकाई भर लगाई जाएगी। अजमेर के संभागीय आयुक्त डॉ. धर्मेन्द्र भटनागर पिछले चार माह से स्मार्ट सिटी को लेकर जो योजना बना रहे थे वह भी कचरे के ढेर में चली गई है। जिस तरह से यूएस इंडिया बिजनेस काउंसिल और फिक्की की गतिविधियां सामने आई है। उससे भटनागर द्वारा बनाई गई उप समितियां भी पानी में बह गई है। अजमेर के जो लोग उप समितियों में शामिल होकर बहुत बड़ा आदमी समझ रहे थे उनके सपने भी चूर हो गए है। ऐसे लोगों को काउंसिल के प्रतिनिधियों तक से मिलने नहीं दिया गया। समिति के सदस्य इधर-उधर जुगाड़ कर बैठकें कर रहे थे जबकि काउंसिल की बैठक पांच सितारा सुविधायुक्त अनन्ता रिसोर्ट में हुई। काउंसिल के प्रतिनिधियों ने स्पष्ट कर दिया है कि हमारे पास पुराने ढर्रे को सुधारने की कोई योजना नहीं है। इस बीच अजमेर में जमीनों का कारोबार करने वाले खुश है क्योंकि विदेशी संस्थानों के आने से जमीनों के भाव बढ़ेंगे।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in) M-09829071511
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