जब ब्यावर की जनता पिछले कुछ दिनों से इतने आंदोलन और विरोध प्रदर्शन कर रही थी तब ये विपक्षी नेता कहा दुबक गये थे । तब क्यों नहीं आये सामने । क्या कांग्रेस सहित ब्यावर के सभी छोटे बड़े राजनेतिक दल अपनी रोटिया सेक रहे हे । ब्यावर की जनता ने तो अपने आपको राजनितिक रूप में लावारिस समझना शुरू कर दिया हे की जब वोटो की जरुरत हो तब इस्तेमाल करो और काम निकल जाने के बाद सभी राजनेतिक दल जनता को दो टके का समझते हे । उनकी नजर में जनता जाए भाड़ में।
जब चुनाव आएगा तब फिर मीठी मीठी बाते करके भोली भाली जनता को फुशला लेंगे।
जनता को अपने सभी कार्यो के लिए इन राजनेताओ के आगे पीछे क्यों घूमना पड़ता हे आज तक समझ नहीं आया । जब की चुनाव के वक्त अपने आप को जान सेवक साबित करने की कोशिस करते हे । ऐसा क्यों होता हे ब्यावर की जनता के साथ । क्यों नहीं ब्यावर के हित के लिए कोई निर्णय लेते हे । ब्यावर तेरा क्या होगा ?
हेमेन्द्र सोनी @ bdn
