सरकारी अफसरों की लापरवाही

हेमेन्द्र सोनी
हेमेन्द्र सोनी
अधिकाँश (कुछ एक को छोड़ के ) सरकारी कर्मचारी और अफसरों में इन दिनों एक रिवाज चल निकला हे । वो हे अपनी जवाब दारी से बचने का । कोई भी कर्मचारी हो या अधिकारी अपनी अपने निजी स्वार्थो के चलते एक दुसरो पे अपनी जवाबदारी थोप देते हे । बाबू और छोटे अधिकारी यह कह के पल्ला छाड़ लेते हे की साहब आदेश देंगे तब काम होगा और उच्च अधिकारी यह कहके अपना पल्ला छाड्ने की की कोशिश करते हे की अभी तक हमें शिकायत नहीं मिली ।
उदाहरण के लिए अतिक्रमण शाखा का अधिकारी सब जानकारी में होने के बावजूद भी कोई कार्यवाही नहीं करता और कहता हे की कोई लिखित में शिकायत करेगा तब कार्यवाही होगी । बसो में यात्रियों की जान जोखिम में हे तो परिवहन अधिकारी कहते हे की हां यात्रियों की जान जोखम में हे हमें मालुम हे लेकिन कार्यवाही तो तब ही होगी जब कोई शिकायत करेगा । आज जब हर सरकारी कर्मचारी मोटी मोटी तनख्वाह लेता हे तो क्या उसकि कोई जवाबदारी नहीं । उसका कोई फ़र्ज़ नहीं अपने कार्य के प्रति ।
यह तो केवल मात्र उदाहरण हे आज कल सभी डिपार्टमेंट में कमोबेश यही हालात हे ।
हर अधिकारी बाबू कर्मचारी सबको पता हे कहा गलत हो रहा हे किन्तु स्वार्थो की पट्टी आँखों पे बंधी होने के कारण धृतराष्ट्र बने बेठे हे । किसी को किसी का भी भय नहीं हे ।
शासन और प्रशासन की जुगलबंदी ऊपर से निचे तक आज इतनी मजबूत हो चुकी हे की किसी को किसी का भय नहीं किसी को भी अपने खिलाफ कार्यवाही की चिंता नहीं । रही बात जनता की तो वो तो बेचारी जनता हे आम आदमी हे कॉमन मेंन हे और उसकी याददास्त बहुत कमजोर हे अगले कुछ् दिनों में सब भूल जायेगी ।
हेमेन्द्र सोनी @ ब्यावर bdn
[6/27, 7:36 AM] Hemendra Soni W: स्पेशल रिपोर्ट :-bdn सरकारी अफसरों की लापरवाही :-
अधिकाँश (कुछ एक को छोड़ के ) सरकारी कर्मचारी और अफसरों में इन दिनों एक रिवाज चल निकला हे । वो हे अपनी जवाब दारी से बचने का । कोई भी कर्मचारी हो या अधिकारी अपने निजी स्वार्थो के चलते एक दुसरो पे अपनी जवाबदारी थोप देते हे । बाबू और छोटे अधिकारी यह कह के पल्ला छाड़ लेते हे की साहब आदेश देंगे तब काम होगा और उच्च अधिकारी यह कहके अपना पल्ला छाड्ने की की कोशिश करते हे की अभी तक हमें शिकायत नहीं मिली ।
उदाहरण के लिए अतिक्रमण शाखा का अधिकारी सब जानकारी में होने के बावजूद भी कोई कार्यवाही नहीं करता और कहता हे की कोई लिखित में शिकायत करेगा तब कार्यवाही होगी । बसो में यात्रियों की जान जोखिम में हे तो परिवहन अधिकारी कहते हे की हां यात्रियों की जान जोखम में हे हमें मालुम हे लेकिन कार्यवाही तो तब ही होगी जब कोई शिकायत करेगा । आज जब हर सरकारी कर्मचारी मोटी मोटी तनख्वाह लेता हे तो क्या उसकि कोई जवाबदारी नहीं । उसका कोई फ़र्ज़ नहीं अपने कार्य के प्रति ।
यह तो केवल मात्र उदाहरण हे आज कल सभी डिपार्टमेंट में कमोबेश यही हालात हे ।
हर अधिकारी बाबू कर्मचारी सबको पता हे कहा गलत हो रहा हे किन्तु स्वार्थो की पट्टी आँखों पे बंधी होने के कारण धृतराष्ट्र बने बेठे हे । किसी को किसी का भी भय नहीं हे ।
शासन और प्रशासन की जुगलबंदी ऊपर से निचे तक आज इतनी मजबूत हो चुकी हे की किसी को किसी का भय नहीं किसी को भी अपने खिलाफ कार्यवाही की चिंता नहीं । रही बात जनता की तो वो तो बेचारी जनता हे आम आदमी हे कॉमन मेंन हे और उसकी याददास्त बहुत कमजोर हे अगले कुछ् दिनों में सब भूल जायेगी ।
हेमेन्द्र सोनी @ ब्यावर bdn

error: Content is protected !!