अजमेर नगर निगम के मौजूदा वार्ड नंबर एक के कांग्रेस पार्षद कमल बैरवा सामान्य वार्ड नंबर दो से ताल ठोकने की तैयारी में दिखाई देते हैं। असल में जिस इलाके में वे रहते हैं, वह अब सामान्य वार्ड हो गया है। इस कारण इस बात की उम्मीद कम है कि कांग्रेस उन्हें यहां से टिकट दे। जाहिर तौर पर यहां सामान्य वर्ग के नेता ही प्रयास करेंगे। मगर बैरवा की दिक्कत ये है कि उन्होंने पूरे पांच साल जनता की भरपूर सेवा की, इसी उम्मीद में न कि उन्हें फिर से मौका मिलेगा, मगर दुर्भाग्य से वार्ड आरक्षित नहीं रहा।
बताया जा रहा है कि वे पहले तो कांग्रेस से टिकट की गुजारिश करेंगे। अपने काम गिनाएंगे और साथ ही अपनी जीत का समीकरण बताएंगे। अगर कांग्रेस को समझ में आया तो ठीक, वरना निर्दलीय ही मैदान में उतर जाएंगे। निर्दलीय के रूप में चुनाव लडऩे के लिए उन्होंने तैयारी भी शुरू कर दी है। बाकायदा क्षेत्र के लोगों से संपर्क कर रहे हैं। उन्हें समर्थन भी मिल रहा है। हालांकि वे जानते हैं कि उनके खड़े होने पर कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी को नुकसान होगा, और इसका फायदा भाजपा प्रत्याशी को हो सकता है, मगर वे शतरंज इस प्रकार बिछा रहे हैं कि उनका सीधा मुकाबला भाजपा प्रत्याशी से हो। यदि कांग्रेस को यहां कोई दमदार और जिताऊ प्रत्याशी नहीं मिला तो उनकी चाल कामयाब भी हो सकती है। वैसे बताया जा रहा है कि फिलवक्त भाजपा की ओर से पूर्व मेयर धर्मेन्द्र गहलोत का यहां से चुनाव लडऩे का मानस है। जाहिर तौर पर वे मेयर बनने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं, जिसमें संघ की सहमति बताई जा रहा है। शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी का वरदहस्त तो है ही। अब देखना ये है कि यहां होता क्या है? वैसे जो कुछ होगा, वह काफी दिलचस्प होगा।
-तेजवानी गिरधर
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जातीय समीकरण को छोड़ दें तो कमल बैरवा की वार्ड के विकास में कोई योगदान समझ नहीं आता वार्ड वासियों के लिए ये न तो उपलब्ध रहें हैं न ही कभी कोई फ़ोन उठाते हैं.