क्यों होते हे ब्यावर के ऐसे हालात

हेमेन्द्र सोनी
हेमेन्द्र सोनी
आज से सेकड़ो वर्ष पूर्व बसे इस शहर की ऐसी हालात क्यों होती हे । शहर में जब जब भी बरसात होती हे तब तब हालात डूब क्षेत्र की तरह हो जाते हे । कई इलाको में तो इतना पानी भर जाता हे की जान और माल की जोखम तक हो जाती हे ।
जब की आज से कुछ् समय पूर्व यह स्थिति नहीं थी । 26 जुलाई 2015 की 1 / 1.30 घंटे की मात्र 4 इंच की बरसात ने तो ब्यावर वासियो को सोचने को मजबूर कर दिया की शहर के ऐसे हालात क्यों हुए । मेवाड़ी गेट डिग्गी चोक पाली बाजार आर्य समाज गली मुक्तिधाम स्थल बालाजी की खिड़की, अमरी का बाडिया फतेहपुरिया दोयम चौहान कालोनी छावनी रोड रेल्वे फाटक का अण्डर ब्रिज की पानी भरने के कारण जो स्थिति हुई और ऐसे विकट हालात देखने के बाद तो शहर वासियो को अपनी चिंता सताने लगी की अगर बारिश थोड़ी देर और हो जाती तो जान आफत में पड़ जानी निश्चित थी इसके उपरांत फिर भी राहत और आपदा प्रशासन कही नजर नहीं आया नगर वासियो को अपने रहमो करम पे छोड़ दिया ।
लेकिन क्या आपने सोचा इस पूरी स्थिति को बिगाड़ने में किसका हाथ हे । जबकि आज से कुछ समय पूर्व बारिश के पानी की निकासी सुचारू रूप से होती थी, इस स्थिति को बिगाड़ने के जिम्मेदार कोई हे तो वो हे स्वयं नगर परिषद् और आम जनता । आम जनता ने पानी निकासी के मार्ग पे अतिक्रमण कर लिया और नगर परिषद् ने गांधी छाप से अपना मुंह बंद कर लिया ।
जितनी भी पानी निकासी की जगह थी उनपे आज पूरा अतिक्रमण हो रखा हे और नगर परिषद ने ये सब अपनी शह पे करवाया हे ।
इंसान अपने स्वार्थ में यह भूल जाता हे की कुदरत के रास्ते में आने वाली हर चीज को कुदरत ही निपटा देती हे उसे किसी को कहने की जरुरत नहीं पड़ती वो अपना फैसला खुद करती हे । इंसान को जब समझ आती तब तक वो तबाह हो जाता हे ।
यदि प्रशासन द्वारा समय रहते बरसाती पानी के रास्ते में आ रहे इन अतिक्रमणों को नहीं हटाया गया तो आने वाले समय में तेज बरसात होती हे तो जान माल का बड़ा नुकसान हो सकता हे और आपदा के समय प्रशासन के पास पूरी तैयारी भी पूरी नहीं होती हे तब कितना नुक्सान होगा उसकी कल्पना से ही रोंगटे खड़े हो जाते हे ।
सुझाव :- शहर की जितने भी बरसाती पानी निकासी के जितने भी रास्ते हे उन उन रास्तो में 5 फिट चौड़ी पक्की खुली नहर बनाई जाए और उस नहर को मकरेडा के तालाब से जोड़ दिया जाए तो मुसीबत से भी बचा जा सकता हे और पानी का संरक्षण भी हो जाएगा । जिसका की खेती और पिने में काम में उपयोग किया जा सकता हे ।इसके लिए एक बड़ी राजनेतिक सोच और शहर की दोनों मुख्य पार्टिया शहर हित में एक सामूहिक निर्णय ले और एक मिसाल कायम करे तब कही जा के बात बने अन्यथा शहर की जनता उन्हें कभी माफ़ नहीं करेगी ।
हेमेन्द्र सोनी bdn @ ब्यावर

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