डॉ. बाहेनगर निगम चुनाव में वार्ड एक से खड़े हुए निर्दलीय रहीम खान के कांग्रेस प्रत्याशी शैलेन्द्र अग्रवाल के समर्थन में बैठने से उन्हें सीधा फायदा होगा। समझा जाता है कि रहीम खान पूर्व विधायक डॉ. श्रीगोपाल बाहेती के कहने से माने हैं। असल में रहीम खान के बड़े भाई युवा कांग्रेस नेता मनवर खान कायमखानी हैं, जिन्होंने टिकट की दावेदारी की थी। उनका दावा था कि एक तो वे इस इलाके में पिछले तकरीबन 25 साल से सक्रिय हैं और दूसरा ये कि इस वार्ड के कुल लगभग आठ हजार मतदाताओं में से एक हजार दो सौ अल्पसंख्यक मतदाता हैं। मनवर खानमनजी भाई के नाम से सुपरिचित मनवर खान का व्यवसाय वार्ड के अंतर्गत आने वाले रीजनल कॉलेज के सामने मुख्य मार्ग पर तकरीबन 27 साल से है और उनका इलाके के सभी लोगों से सीधा व्यक्तिगत संपर्क है। जाहिर तौर पर वार्ड के मुस्लिम वोटों पर उनकी गहरी पकड़ है। वे पूर्व विधायक डॉ. श्रीगोपाल बाहेती के करीबी है। उन्हें पूरी उम्मीद थी कि टिकट मिलेगा, मगर ऐसा हो नहीं पाया। इस पर उन्होंने अपने भाई को निर्दलीय मैदान में उतार दिया। स्वाभाविक है कि डॉ. बाहेती के कहने से ही रहीम खां बैठे हैं। असल में डॉ. बाहेती का अग्रवाल पर वरदहस्त है, उसी के चलते उन्होंने अपने शागिर्द मनवर खान को उनके भाई रहीम खां को बैठाने के लिए मना लिया है। बहरहाल, रहीम खां के बैठने से अग्रवाल को फायदा होना ही है। इसी से भाजपा प्रत्याशी मित्तल तनिक चिंतित हैं। -तेजवानी गिरधर
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