ताजुब तो ये है कि हाल ही में पॉलिटेक्निक कॉलेज में मतगणना के समय मौजूद पूरे प्रसाशन को क्या ये नज़र नहीं आया?
इसी मार्ग पर स्थित इंजीनियरिंग,पॉलिटेक्निक व आई.टी.आई.कॉलेज के सेंकडो विद्यार्थियों को इस कारण रीढ़ की हड्डी में आये दिन झटका सहन करना पड़ता है व आये दिन दुर्घटना का शिकार भी होना पड़ता है।”स्किल डेवलॅपमेंट” प्राप्त कर रहे ये विद्यार्थी यदि अभी से ही बीमार होने लगेंगे तो क्या “स्किल इंडिया” का सपना साकार होना संभव होगा?
_श्रीमती श्वेता माथुर;सचिव,वास्तु एवम् जनकल्याण संस्थान,अजमेर।