छेड़छाड़ की शिकार युवती को दिलाई राहत।
अजमेर रेंज की आईजी श्रीमती मालिनी अग्रवाल ने 12 दिसम्बर को संवेदनशीलता दिखाते हुए छेड़छाड़ की शिकार एक युवती को हाथोंहाथ राहत प्रदान करवाई और जिले के ब्यावर उपखंड के सिटी थाने की पुलिस को जोरदार लताड़ लगाई।
आमतौर पर सार्वजनिक अवकाश के दिन बड़े अधिकारी किसी की नहीं सुनते हैं। यहां तक कि फोन भी नहीं उठाते। इस बात को राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी कई बार स्वीकार किया है। पिछले दिनों एक मीटिंग में खुद मुख्यमंत्री ने कहा कि जब वे स्वयं फोन उठाती है तो प्रशासनिक अधिकारियों को भी अपने मोबाइल पर सवाल करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने यह बात इसलिए कही कि अधिकारी जनसमस्याओं के प्रति संवेदनशील बने। 12 दिसम्बर को द्वितीय शनिवार का अवकाश था, लेकिन ब्यावर की एक पीडि़ता आईजी श्रीमती अग्रवाल से मिलने दफ्तर पहुंच गई। पीडि़ता के साथ उसके माता-पिता भी थे। ऑफिस पहुंचने के बाद सार्वजनिक अवकाश की सूचना मिली तो परेशान पीडि़ता आईजी से मिलने के लिए उनके सिविल लाइन स्थित सरकारी आवास पर पहुंच गई। आईजी को जब यह पता चला कि छेड़छाड़ की शिकार एक युवती मिलना चाहती है तो उन्होंने तत्काल पीडि़ता को अंदर बुलवाया और समस्या को सुना। पीडि़ता ने बताया कि गत 20 अक्टूबर को पड़ोस में रहने वाले प्रमोद सोनी ने उसके साथ छेड़छाड़ की। मेरे चिल्लाने पर मेरा भाई विष्णु मौके पर आ गया और छेड़छाड़ का विरोध किया। आरोपी ने मेरे भाई के साथ भी मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी। घटना के समय घर पर मेरे माता-पिता भी नहीं थे। इस घटना की शिकायत मैंने ब्यावर सिटी पुलिस स्टेशन पर थी, लेकिन पुलिस ने मेरी शिकायत दर्ज नहीं की। पुलिस के लापरवाह पूर्ण रवैये की वजह से ही आरोपी ने सरेआम धमकी दी कि तेरी शादी नहीं होने दूंगा और तेजाब डालकर चेहरा खराब कर दूंगा। इस धमकी के बाद दहशत में हमने अपना मकान भी बदल दिया। पीडि़ता ने आईजी को बताया कि आरोपी ने उसके भाई के विरुद्ध एक झूठा मुकदमा दर्ज करवा दिया। पुलिस अब उस झूठे मुकदमे में मेरे भाई को पकड़कर ले गई है, जबकि मेरे साथ हुई छेड़छाड़ की शिकायत पर आरोपी के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं हुई। पीडि़ता ने रोते हुए आईजी से कहा कि अब उसे अपने शहर ब्यावर जाने में भी डर लगता है।
आईजी श्रीमती अग्रवाल ने पीडि़ता के दर्द को समझते हुए तत्काल ही सिटी थाने पर फोन किया और छेड़छाड़ के मामले में तत्काल कार्यवाही करने के निर्देश दिए। आईजी ने यह भी कहा कि यदि पीडि़ता की शिकायत दर्ज नहीं करने के मामले में कोई अधिकारी दोषी पाया गया, तो उसके विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी। श्रीमती अग्रवाल ने पीडि़ता को भरोसा दिया कि उसके साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा और मामले की निष्पक्ष जांच करवा कर दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। आईजी ने कहा कि आप लोग बिना किसी डर और भय के ब्यावर जाए।
(एस.पी. मित्तल)
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