मकर संक्रांति के अवसर पर जब पुष्कर के हजारो युवा , बच्चे और बुजुर्ग अपने घरो की छत पर चढ़कर पतंगबाजी का आनंद ले रहे थे , ठीक उसी समय पुष्कर की एनीमल केयर सोसायटी से जुड़े हेमंत रायता और उसके कई साथी पतंगबाजी की चपेट में आकर लहूलुहान हो रहे बेजुबान पक्षीयो का इलाज कर रहे थे ।
तेज धार वाले माँझे की चपेट में आने के चलते जहाँ कई कबूतरो के पंख कट गए तो कईयो के गले में गहरे घाव हो गए । किसी के पंजो में डोर उलझी हुई थी तो कोई दर्द के मारे छटपटा रहे थे । लेकिन इन बेजुबान जीवो की तकलीफ हमारे पुष्कर के इन युवाओ ने समझी और पूरे दिन इन घायल पक्षीयो का इलाज करते हुए बिताया ।
ख़ास बात यह रही की इन युवाओ ने ना सिर्फ इनकी जान बचाने में अपनी जी जान लगा दी बल्कि सोशल मीडिया के जरिये भी लोगो से दिनभर घायल परिंदों को गऊघाट तक पहुँचाने की अपील करते रहे जो बहुत ही प्रसंशनीय कार्य था । सोशल मीडिया में जानकारी मिलने के बाद ही कई लोगो ने घायल पक्षीयो को इन तक पहुँचाया ।
मेरा मानना है की पुष्कर की जनता को इन्हें दिल से इस नेक काम के लिए धन्यवाद देना चाहिए और इनकी हौसला अफजाई करनी चाहिए ताकि इनसे प्रेरणा लेकर और भी युवा आगे आये और इस तरह की सच्ची सेवा में सहभागी बने ।
राकेश भट्ट
प्रधान संपादक
पॉवर ऑफ़ नेशन