अजमेर,
रैलवे स्टेशन कैंपस में दो बड़े बड़े पेड़ आपके विभाग ने काट लिए।पेड़ लगाना तो दूर उलटे वर्षो पुराने विशाल व घने पेड़ो को काटना पर्यावरण का बहुत नुक्सान है। जिम्मेदार कोई भी हो नुक्सान तो प्रकृति का है और करोड़ो की oxygen का है।रेलयात्री और जायरीन गर्मी में 2 पल सांस ले लेता था लगता है अफसरों को नही सुहाया।
बहुत छोटे छोटे बहाने गन्दगी होती थी,पेड़ की जड़ो में चूहे हो गए थे पेड़ खोखले हो रहे थे क्या इनकी curing नही हो सकती थी।
DRM sb विचार करे जिन पेड़ो पर हजारो पक्षीयो का बसेरा था,जो पेड़ छाया देते थे,जो पेड़ oxygen देते थे उन सब पर व्यवस्था हावी,स्टेशन का view obstruct ना हो यह सोच हावी और हवा छाया व शरण देने वाले पेड़ हार गए आपके कारिंदे जीत गए।
अब आप इन सदियो पुराने पेड़ो को काटने की एवज में रेलवे कॉलोनी,सड़क,कैंपस में सघन पेड़ लगवाये तथा यह सुनिश्चित करे की पेड़ बड़े हो।
आशा है आप गम्भीरता से विचार करेंगे तथा पेड़ काटने का प्रायश्चित करेंगे।
डॉ श्रीगोपाल बाहेती,पूर्व विधायक पुष्कर
