यह घटना जवाब है उन सवालो का , कि आखिर क्यों अजमेर के युवको को विदेशी महिलाओ के साथ होली खेलने से रोका जाता है ।
रेस्क्यू कमेटी के कार्यकर्ताओ का शुक्रिया , जिन्होंने मसीहा बनकर पीड़ित सैलानियो की मदद की ।
———-
कुल मिलकर ऐसा माहौल तैयार कर दिया गया की या तो पुष्कर में आयोजित होने वाली विश्व प्रसिद्द कपडा फाड़ होली को बंद करवा दिया जाए या फिर उसमे विदेशी महिलाओ के साथ जमकर होली खेलने के लिए अजमेर के आवारा और मनचले युवको को भी हमेशा के लिए इजाजत दिलवा दी जाए । खास बात यह है कि इनमे ज्यादातर युवक उस दिन शराब के नशे में चूर होकर पुष्कर आते है ।
लेकिन 4 अप्रैल को सात समुन्दर पार से पुष्कर घूमने आये स्पेन के पर्यटक माईकल और साईमन दोनों अपनी महिला मित्रो के साथ सोमवार की शाम को यहाँ से 15 किलोमीटर दूर अजमेर के समीप स्थित पर्यटक स्थल ( अजयपाल ) पर घूमने के लिए निकले । लेकिन उनके घूमने की ख़ुशी उस वक्त काफूर हो गई जब पहाड़ी क्षेत्र में उनका सामना अजमेर के 5 अज्ञात शराबी युवको से हो गया । घटना के वक्त माइकल अपनी महिला साथी के साथ मौजूद था तभी पल्सर मोटरसाइकिल पर आये अजमेर के उन युवको ने महिला के साथ बलात्कार करने का प्रयास शुरू कर दिया । उन्होंने ना सिर्फ इस दौरान विदेशी महिला के साथ मारपीट की बल्कि उसके कपडे भी तार तार कर दिए । सरेआम हो रही इस वारदात का जब साथी विदेशी पर्यटक ने विरोध किया तो आरोपी युवको ने उस पर भी हमला कर दिया । जिसके चलते माईकल के सर में गंभीर चोट आई । और इसके बाद पर्यटको का कैमरे और पर्स लेकर वे मौके से फरार हो गए ।
यह घटना उन सभी सवालो का जवाब है जिसके चलते होली के बाद से लेकर अभी तक लंबी चौड़ी बहस चल रही थी । क्या इसके बाद भी वो इस बात की पैरवी करेंगे की होली जैसे मौके पर जब सभी के दिलो दिमाग में एक मस्ती और जूनून छाया रहता है तब अजमेर के मनचलो को आने दिया जाना चाहिए । मेरा उन मनचले लोगो से भी सवाल है की विदेशी महिलाओ के साथ होली खेलने की दीवानगी राखी , दीवाली और अन्य त्योहारो पर नजर क्यों नहीं आती । फिलहाल अब शायद उन लोगो को भी समझ में आ गई होगी जो ऐसे मनचलो की बगैर सच्चाई का पता लगाए पैरवी करते फिरते है ।
इस अवसर पर में पुष्कर रेस्क्यू कमेटी के अमित भट्ट , पत्रकार अनिल सर और मुकेश भाई की भी जमकर प्रशंसा करना चाहता हूँ जिन्होंने मुसीबत में घिरे विदेशी सैलानियो के पास चंद मिनटो में ही पहुंचकर ना सिर्फ उन्हें ढांढस बंधाया बल्कि घायल हालत में उन्हें तुरंत हॉस्पिटल पहुंचाकर मदद भी की । इसका यह कार्य बेहद सराहनीय है जिसके चलते घटना से घबराये विदेशी अपने आपको सुरक्षित महसूस कर पाये ।
राकेश भट्ट
प्रधान सम्पादक
पॉवर ऑफ़ नेशन