जगत पिता ब्रह्मा की तपोभूमि अंतराष्ट्रीय तीर्थ स्थल पुष्कर को मन्दिरो की नगरी के नाम से भी जाना जाता हे यंहा करीबन 500 से अधिक मन्दिर हे जिसके दर्शन के लिए प्रतिदिन दूरदराज से हजारो देशी विदेशी श्रदालु आते हे लेकिन आपको आश्चर्य होगा की पुष्कर में एक ऐसा मन्दिर भी बना हे जिसमे आम लोगो का प्रवेश पूर्ण रूप से वर्जित हे और अगर कोई भुलवंश गलती से उस मन्दिर में चला जाये तो फिर देखो उसकी खेर नही और मन्दिर के बाहर बोर्ड भी लगा रखा हे की यह सार्वजनिक मन्दिर नही हे कृपया अनुमति से ही प्रवेश करे। जी हा में बात कर हु पुष्कर के अजमेर रोड पर चुंगी नाके के पास बने दाता सत्संग सभा भवन की जो कुछ वर्षो पूर्व ही सरकार ने सार्वजनिक मन्दिर निर्माण के लिए वन विभाग की भूमि को ही आवंटन कर दिया और करोड़ो रूपये की लागत से आलिशान दाता सत्संग भवन बनाया गया लेकिन अब यह सार्वजनिक नही होकर निजी हो रखा हे ।हा अगर आपको इसमें जाना हो तो पहले चन्दा देकर गुरूजी के शिष्य बनना पड़ेगा और उनकी सेवा चाकरी करने के बाद ही प्रवेश दिया जायेगा।सबसे आश्चर्य की बात तो यह हे की यह मन्दिर पुष्कर में हे और पुष्करवासियो का भी प्रवेश बन्द कर रखा हे।इस मन्दिर को चारो तरफ से इस तरह बन्द कर रखा हे की कोई परिंदा भी पैर नही मार सके ।पूर्व में कुछ लोगो भुलवंश इस मन्दिर में चले गए तो गुरु जी के चेलो ने इनकी इस तरह से पिटाई करके बाहर निकाला जेसे की कोई उन्होंने बड़ा अपराध कर दिया हो। आखिरकार क्या वजह हो सकती हे इस मन्दिर में आम लोगो का प्रवेश बन्द कर रखा हे ।जबकी करोड़ो रूपये की बेशकीमती जमीन सार्वजनिक मन्दिर के नाम से आवंटन हो रखी हे ।
अनिल सर संपादक बदलता पुष्कर।