अरावली-आनासागर के वर्षा वन?

13256169_10201847821714944_5952020598092247508_nआनासागर के उत्तर पूर्वी किनारे पर कीकर के पेड़ो का यह झुरमुट किसी विषुवत रेखीय वर्षा वन की याद दिलाता है । जलीय व् अन्य पक्षियों की यहाँ भरमार है । कहने को कीकर सूखी जमीन का पेड़ है पर यहाँ की नम आबोहवा भी इसे बहुत रास आई दीखती है । मानो तो यह एक ही तरह के पेड़ो के कारण मोनो कल्चर का प्रतीक है पर गौर से देखें तो इसमें इसकी अपनी बायो डाइवर्सिटी छुपी है । अब तथाकथित जैव विविधता के लिए आवश्यक अन्य प्रजातियों के वृक्षरोपण के और लंबे इंतज़ार के बजाय इन्ही लोकल मैंग्रूवस को preserve किया जाए तो झील के किनारे सुरक्षित होने के साथ साथ शहर को हरियाली, ऑक्सीजन और पंछियों को ठिकाना तो मिलता ही रहेगा । फिलहाल इन पेड़ो की ईंधन के लिए कटाई एक बड़ा खतरा है । शहरीकरण की दूसरी समस्याएं जैसे खुले में शौच, ठोस कचरा फेंकना और असामाजिक तत्वों का जमावड़ा तो यहाँ है ही । हलकी सी कोशिश से यह क्षेत्र अजमेर के सुन्दरतम वाक वे के रूप में विकसित हो सकता है

इंजीनियर व जाने माने बुद्धिजीवी अनिल जैन की फेसबुक वाल से साभार

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