आखिर कब तक बुझते रहेंगे चिराग

क्यो नही करते प्रशासन और पुलिस डम्पर वालो के खिलाफ कार्यवाही

अनिल पाराशर
अनिल पाराशर
तीर्थ नगरी पुष्कर में प्रतिदिन तेज गति से भारी भीड़ को चीरते हुए गोविन्दगढ़ से बजरी के सेकड़ो डम्पर निकल रहे हे और इस दौरान इनकी तेज गति और लापरवाही के कारण कई घरो के चिराग बुझ चुके हे और बुझ रहे हे लेकिन आश्चर्य की बात हे की इतना कुछ हो जाने के बाद भी प्रशसन और पुलिस ने आँखे मुंद रखी हे और मूंदेगे भी क्यो नही इनको क्या पता की उस परिवार पर क्या गुजरती होगी जिनका चिराग इनके काल का ग्रास बना हो और रही दुनिया की बात तो वो तब ही बोलते हे जब हादसे होते हे बाकि के दिनों में कुम्भकर्ण की नींद में सो जाते हे।पुष्कर में गनाहेड़ा तिराये से अजमेर चूंगी नाके तक अस्पताल ऑफिस स्कूल पोस्ट ऑफिस बाजार होने के कारण दिन भर लोगो की भारी आवाजाही रहती हे उसके बावजूद डम्पर चालक बिना किसी की परवाह किये तेज गति से निकल रहे हे।जबकि यातायात पुलिस भी कई जगह तैनात रहती हे लेकिन इनकी हिम्मत नही हे इनके खिलाफ कार्यवाही करने की।सबने बस अपनी आँखे बन्द कर रखी हे।आज अस्पताल में जिसने भी डम्पर की टक्कर से काल के ग्रास बने युवक महेंद्र की माँ की हालत देखि सबकी आँखों में आंसू आ गए माँ अपने बेटे की एक झलक देखने के लिए लोगो से रो रो कर हाथ जोड़कर विनती कर रही थी सभी यही दिलासा दे रहे थे की आपका बेटा ठीक हे उसे अजमेर ले गए।जिसका बेटा छिना उससे पूंछो की उसके साथ क्या गुजर रही हे और कब तक माताये इस प्रकार चिरागों के लिए आंसू बहाती रहेगी आखिर कब जागेंगी पुलिस प्रशासन और जनता।

अनिल सर संपादक बदलता पुष्कर।

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