देहात बीजेपी अध्यक्ष सारस्वत के गांव में ही मिली बीजेपी को करारी शिकस्त

बीजेपी नेताओ के घमंड ने डुबोई पार्टी की नैय्या , जमीन से जुड़े कार्यकर्ताओ की उपेक्षा पड़ी भारी

प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलेट और भूपेंद्र सिंह राठौड़ की मिली बड़ी कामयाबी , नसीराबाद में फिर जीती कांग्रेस

राकेश भट्ट
राकेश भट्ट
अजमेर जिले में हुए जिला परिषद् और पंचायत समिती के उपचुनाव में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी को जबरदस्त हार का सामना करना पड़ा है । वो भी तब जब मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे कुछ ही दिनों में अपनी पूरे मंत्रिमंडल के साथ राज्यस्तरीय स्वतंत्रता दिवस मनाने अजमेर आने वाली है । कहने को तो यह महज जिला परिषद् और पंचायत समिति के चुनाव थे । लेकिन इन चुनावो के लिए जिस तरह से बीजेपी ने अपनी एड़ी चोटी का जोर लगाकर सारी ताकत झोंकी और मंत्रियो , विधायको से लेकर नगर पालिका अध्यक्षों , और कई छुटभैय्ये नेताओ को वोट मांगने के लिए उतारकर अपनी प्रतिष्ठा का चुनाव बनाया । उन सभी को जनता ने सिरे से ख़ारिज कर दिया । बल्कि यूँ कहे कि जनता ने बीजेपी नेताओ को अच्छी तरह से आइना दिखा दिया है तो गलत नहीं होगा ।

इन चुनावो में अजमेर जिले की जनता ने सत्ता और संगठन के घमंड के नशे में चूर बीजेपी के नेताओ को साफ़ संकेत दे दिया है की अब केवल मीठी मीठी बातो से काम चलने वाला नहीं है । जनता के वोट लेने है तो जमीन पर आकर जनता से ना सिर्फ जुड़ना पडेगा बल्कि उनके इलाको में विकास कार्य भी करवाने पड़ेंगे । केवल अच्छे दिन के नारो से अब वोट नहीं मिलने वाले । उपचुनाव के नतीजो ने बीजेपी के उन हवाई नेताओ को भी जमीन दिखा दी है जो बड़ी बड़ी गाडियो में बैठकर अपने आपको भारी नेता मानने लगे थे ।

खास बात यह है कि नसीराबाद विधानसभा क्षेत्र में आने वाली 9 ग्राम पंचायतो को मिलाकर बनाये गए जिला परिषद् के वार्ड नंबर 5 में देहात बीजेपी अध्यक्ष बी पी सारस्वत का गावँ बिड़कच्यावस भी आता है । लेकिन इनके गावँ में भी बीजेपी को जबरदस्त हार का सामना करना पड़ा । आपको जानकार हैरानी होगी की उपचुनाव से पूर्व इस वार्ड की स्थिति यह थी की बीजेपी के टिकिट पर चुनाव लड़ने के लिए पार्टी को कोई उम्मीदवार तक नहीं मिल रहा था ।
थक हारकर पार्टी ने कंचन गुर्जर को मुश्किल से मनाया और अपना उम्मीदवार बनाकर मैदान में उतारा । लेकिन वो 2571 वोटो से हार गई ।

एक और दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस के टिकिट पर चुनाव जीतने वाली सुनीता गुर्जर के ससुर श्री किशन गुर्जर कई सालो से सक्रीय रूप से बीजेपी से जुड़े हुए थे । लेकिन आपसी गुटबाजी और बड़े नेताओ द्वारा कार्यकर्ताओ की उपेक्षा करने से दुखी होकर चुनावो से पूर्व वो कांग्रेस में शामिल हो गए और उन्ही की बदौलत आज कांग्रेस को शानदार जीत मिली ।

अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है । इस हार से बीजेपी नेताओ को सबक लेकर इन गलतियों को सुधारना चाहिए जिससे उसके सक्रीय कार्यकार्य नाराज ना हो । केवल चमचागिरी करने वाले नेताओ की जगह अब उन लोगो को तवज्जो मिलनी चाहिए जो सही मायनो में पार्टी को जीताने के लिए खून पसीना एक कर देते है । लेकिन इस हार से भी यदि कोई सबक नहीं लिया गया और आगे भी आम जनता से किये वादे पूरे नही किये गए , विकास कार्यो की बजाय केवल आश्वासन देते रहे , जमीनी कार्यकर्ताओ की उपेक्षा होती रही , नेता अपने घमंड में चूर रहे , सत्ता और संगठन में चमचागिरी करने वालो का बोलबाला रहा तो फिर वो दिन दूर नहीं जब बीजेपी विपक्ष में बैठी नजर आएगी ।

*सचिन पायलेट और भूपेंद्र राठौड़ को मिली कामयाबी •••*
अजमेर जिले की जनता ने उप चुनावो में एक बार फिर वोटो से कांग्रेस की झोली भर दी है । पहले नसीराबाद विधानसभा और अब जिला परिषद के चुनाव में जनता ने बता दिया की उनके दिलो में अभी भी कांग्रेस की खास जगह है । इन चुनावो ने सचिन पायलेट के नेतृत्व को ना सिर्फ और मजबूती प्रदान की है बल्कि उन्हें आने वाले समय में मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनाये जाने की दिशा में भी कदम बढ़ा दिए है ।

*राकेश भट्ट*
*प्रधान संपादक*
*पॉवर ऑफ़ नेशन*
*मो. 9828171060*

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