लेकिन जो बचे हुए मान चित्र हे जिनको मंजूरी नहीं मिली उनका क्या होगा ?
मंजूरी से बचे हुए मानचित्र का क्या होगा :- तो उनके लिए खुश खबरी यह हे की जयपुर के इसी आदेश के तहत उनको भी राहत मिलने की संभावना हे ।
ऐसा आदेश क्यों आया :- जयपुर से ऐसे आदेश निकालने की क्या वजह रही ? जैसा की सर्व विदित हे की मानचित्र मंजूरी शाखा में आकण्ठ फैले भ्रष्टाचार के कारण मिल रही शिकायतों से आहत होकर मानचित्र मंजूरी की सम्पूर्ण प्रक्रिया को और मंजूरी को आन लाइन बनाने के लिए तैयारी शुरू कर दी हे जिससे आम लोगो को अपने मकान और दूकान, मार्केट आदि के प्लान को ऑनलाइन ही पेश करना होगा और निर्धारित शुल्क भी आन लाइन ही जमा कराना होगा और सभी कागजी कार्यवाही पूरी की जा चुकी होगी तो निर्धारित समय में मंजूरी भी वही से आएगी, इस कारण निर्माण कर्ता को परिषद के बार बार चक्कर लगाने नहीं पड़ेंगे और नाजायज डिमांड की पूर्ति भी नहीं करनी पड़ेगी । ऑन लाइन मंजूरी प्रक्रिया 1 दिसंबर से शुरू करने का कार्यक्रम हे
यह प्रक्रिया जून से शुरू होनी थी लेकिन अब 6 माह देरी से शुरू होगी ।
इससे पुरे राजस्थान में भ्रस्टाचार पे अंकुश लगेगा और कार्य में पारदर्शिता आएगी ।
किस किस को मिलेगी राहत
इस आदेश के तहत 188 निकायों , नगर पालिकाओं और नगर निगमों को इसी प्लान के तहत सिंगल विंडो सिस्टम से मानचित्रों को अप्रूवल देनी होगी । प्रदेश के 188 निकायों से लगभग 2 करोड़ जनता जुडी हुई हे जिनको राहत मिलेगी ।
आम लोगो ने वसुंधरा सरकार के द्वारा उठाये गए इस कदम की सराहना की भाजपा के इस ऐतिहासिक निर्णय का स्वागत किया हे और कहा की इससे इस विभाग में फेले हुये भ्रस्टाचार पे अंकुश लगेगा ।
हेमेन्द्र सोनी @ BDN ब्यावर
