15 लाख रुपये खर्च करने के बाद एडीए के अधिकारियो की जांच रिपोर्ट में हुआ खुलासा, घाटी का पत्थर कच्चा होने के चलते नहीं बन सकती सुरंग
विधायक रावत और एडीए चेयरमेन शिवशंकर हेड़ा के व्यक्तिगत प्रयासों से लगभग 3 महीनो पहले अजमेर पुष्कर की पहाड़ी के नीचे सुरंग बनाने के इस बहुप्रतीक्षित प्रोजेक्ट में कई स्तर पर कार्य शुरू किये गए थे । इसके तहत ना सिर्फ एडीए के इंजीनियरों की एक टीम को प्लानिंग बनाने के निर्देश दिए गए थे बल्कि प्राइवेट एजेंसियों को भी इसका जिम्मा सौपा गया था । साथ ही सुरंग की लंबाई और ऊंचाई का माप तय करने के लिए बाकायदा एनीमेशन फ़िल्म भी बनवाई गई थी ।
कुल मिलाकर इस प्रॉजेक्ट पर अभी तक अजमेर विकास प्राधिकरण द्वारा 15 लाख रुपयो से ज्यादा की धनराशि खर्च की जा चुकी है । परंतु इतनी जद्दोजहद के बाद जो नतीजा निकलकर सामने आया है वो सुरेश सिंह रावत , शिवशंकर हेड़ा सहित इस प्रोजेक्ट से जुड़े सभी लोगो को निराश करने वाला है ।
इंजीनियरों का मानना है की पुष्कर घाटी की पहाड़ी में मौजूद पत्थर हजारो साल पुराना होने के साथ साथ बहुत ज्यादा नाजुक भी है । यह उतना मजबूत नहीं है की इसके नीचे ब्लास्ट करके पहले तो पहाड़ी को तोड़ा जा सके और फिर उसके नीचे सैकड़ो मीटर लंबी सुरंग बनाई जा सके । यही वजह है कि इस काम में जुटी निजी एजेंसियों ने अपनी रिपोर्ट सौंपते हुए यह माना है की यहाँ पर किसी भी स्थिति में सुरंग नहीं बनाई जा सकती , और यदि इसका प्रयास किया जाता है तो वह बहुत खतरनाक साबित हो सकता है ।
गौरतलब है की अभी 2 दिनों पूर्व ही संसदीय सचिव सुरेश रावत ने जयपुर में राजस्थान सरकार से इस मामले पर जल्द से जल्द फंड रिलीज करने और इसके कार्य को गति देने का आग्रह किया था ।
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