सराफा व्यवसायी ग्राहकों को सोने के भाव को लेकर किस प्रकार बेवकूफ बनाता है की अच्छे से अच्छा पढ़ा लिखा उनकी बातों में आ जाता है ।
सोने के भाव को लेकर 22 कैरट ओर 23 कैरट को लेकर कभी भी स्थिति साफ नही रखते है । समझने के लिए इसका स्पष्ट उदाहरण अखबार में छपने वाले भावो से लेते है ।
अखबार में आज 24 कैरट सोने के भाव 29900 प्रति 10 ग्राम है ।
इस हिसाब से 23 कैरट के भाव 29900÷24×23 = 28654 प्रति 10 ग्राम होते है, जबकि व्यापारी 29150 प्रति 10 ग्राम भाव लगाता है यानी कि ग्राहकों को 500 रुपये प्रति 10 ग्राम का चूना लगाता है ।
इसी प्रकार 22 कैरेट के भाव 29900÷24×22 = 27408 प्रति 10 ग्राम होता है लेकिन व्यापारी 28000 के भाव से रेट लगाता है इस प्रकार ग्राहकों को 600 प्रति 10 ग्राम का चूना लगाता है ।
ऐसा नही है कि कोई बोलता नही है लेकिन जो बोलता है उसको समझा बुझा कर भेज दिया जाता है ओर अखबार में छपने वाले भाव दिखा कर उसका मुंह बंद कर दिया जाता है, और तो ओर गणित के टीचर ओर प्रोफेसर भी उनकी इन भावो की गड़बड़ गणित के आगे लाचार नजर आते है उनको भी 22 ओर 23 कैरेट भावो की गणना समझ नही आती है ।
इस कारण व्यापारी ग्राहकों का नाजायज फायदा उठाता है और करोड़ो रूपये का अतिरिक्त नुकसान ग्राहकों को हर वर्ष होता है ।
सरकार के पास ऐसी कोई एजेंसी या जांच कमेटी नही है जो इन पर अंकुश लगा सके और नाही कोई रेग्युलेटरी है जो भावो का निर्धारण कर सके । ये व्यापारी इसी बात का नाजायज फायदा उठाते है और ग्राहकों को करोड़ो का नुकसान पहुचाते है और अपने वारे न्यारे करते है ।
सरकार को चाहिए कि भावो के गड़बड़ झाले को तुरंत प्रभाव से रोके ओर नही मानने वालों पर कार्यवाही करे । जिस प्रकार सरकार पेट्रोल डीजल ओर गेस के भाव निर्धारित करती है उसी प्रकार सोने के 24 / 23/ ओर 22 कैरेट सोने के भावो का निर्धारण भी करे जिनसे वर्षो से ठगे जा रहे उपभोक्ताओ को राहत मिल सके और जो बरसो से अरबो रुपये का नुकसान ग्राहकों को हुवा है वो आगे ना हो इसकी व्यवस्था करे ।
हेमेन्द्र सोनी @ BDN जिला ब्यावर

Ankhe khol de hamari