किसके इशारे पर ओम माथुर के साथ हो रहा है सौतेला व्यवहार

◆ *राजस्थान में कही पर भी संगठन या सत्ता से जुड़े नेता नहीं कर पा रहे है स्वागत सत्कार – आखिर अपने ही गृह राज्य में क्यों ओम माथुर से दुरी बनाने को मजबूर है बीजेपी नेता •••*

om mathurबीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और कद्दावर नेता ओम माथुर का दबदबा आज प्रदेश ही नहीं बल्कि देश की राष्ट्रीय राजनीति में भी जमकर बोल रहा है । पहले गुजरात फिर हरियाणा और अभी हाल ही में उत्तरप्रदेश बीजेपी के प्रभारी बनकर भाजपा को सत्ता के शिखर पर पहुंचाने के बाद ओम माथुर ना सिर्फ राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के सबसे विश्वास पात्र नेता बन गए है बल्कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी के भी बेहद करीबी माने जाते है ।

राजस्थान से अपने राजनैतिक जीवन की शुरुआत करने वाले ओम माथुर का डंका आज देश की राजनीति में हर तरफ गूँज रहा है । लेकिन यह उनका दुर्भाग्य ही माना जाएगा की जिस राज्य से उन्होंने इस सफ़र की शुरुआत कर देशभर में अपना नाम कमाया उसी राज्य के बीजेपी नेताओ द्वारा आज उनके साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है ।

आलम यह है की संगठन से जुड़े पदाधिकारियो से लेकर आम कार्यकर्ता और सत्ता के शिखर पर बैठे मंत्रियो से लेकर विधायक और आम जनप्रतिनिधी भी ओम माथुर जैसे कद्दावर नेता का स्वागत करने से बचते नजर आ रहे है । कई कार्यकर्ता तो चाहते हुए भी अपने आकाओ को खुश करने की मजबूरियों के चलते स्वागत नहीं कर पा रहे है ।

सबसे बड़ा सवाल यह है की आखिर वो कौनसी ताकत है या यूँ कहे वो कौनसी शख्सियत है जिसने राज्य के छोटे से लेकर बड़े स्तर के सभी नेताओ के मन में भय का वातावरण बना दिया है । जिसके चलते चाहते हुए भी बीजेपी नेता अपने राष्ट्रीय नेता ओम माथुर को माला पहनाकर उनका स्वागत नहीं कर पा रहे है । आखिर कौन लोग है जो आम कार्यकर्ताओ को भी माथुर के समीप जाने से रोक रहे है । उन्हें कार्यवाही किये जाने का डर दिखा रहे है और जो लोग उनके नजदीक जा रहे है उन्हें ब्लैक लिस्टेड करने की चेतावनी भी दे रहे है ।

शुक्रवार को भी जब ओम माथुर पुष्कर की यात्रा पर आये तो ऐसा ही नजारा देखने को मिला । यहाँ भी सत्ता और संगठन से जुड़े तमाम चेहरे नदारद थे । हां अपने निजी सम्बन्धो और पार्टी से लंबे समय से जुड़े बीजेपी के चंद कार्यकर्ताओ लखन सरवाडिया , पूर्व मंडल अध्यक्ष सूरज नारायण पाराशर , युवा मोर्चा अध्यक्ष रवि सरवाडियां सहित कुछ कार्यकर्ताओ ने जरूर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया । यह हालात केवल पुष्कर के ही नहीं है यह आज समूचे राजस्थान के हो गए है । जहाँ भी माथुर जाते है वहां के भाजपाइयों में एक अजीब सी दहशत व्याप्त हो जाती है और वो बेचारे धर्म संकट में फंस जाते है की आखिर अपनी ही पार्टी के राष्ट्रीय नेता का स्वागत करे तो कैसे करे ।

सभी जानते है ओम माथुर के बढ़ते कद से किसको सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है । हो सकता है कही ना कही ओम माथुर को आज उसी का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है ।

*राकेश भट्ट*
*प्रधान संपादक*
*पॉवर ऑफ़ नेशन*
*मो 9828171060••*

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