कृपलानी की फटकार से कौने से सुधर जाएंगे अजमेर के भाजपा नेता

shreechand-kriplaniअजमेर को तीन लोक से मथुरा न्यारी की संज्ञा दी जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। वो इसलिए कि जो भाजपा तथाकथित रूप से सर्वाधिक अनुशासित दल कहलाता है, उसी में अनुशासनहीनता और गुटबाजी चरम पर है। मीडिया तो इस बारे में लिख-लिख कर थक चुका, अब बाहर के नेता आ कर फटकारने लगे हैं, फिर भी उम्मीद नहीं कि स्थानीय नेता सुधरेंगे।
ज्ञातव्य है कि स्वायत्त शासन मंत्री श्रीचंद कृपलानी जब यहां जनाना अस्पताल रोड तिराहे पर आयोजित शिलान्यास व लोकार्पण कार्यक्रम में आए तो देखा कि स्थानीय मंत्री व नेता उनके सामने ही मंच पर उलझ रहे हैं। उन्होंने कई बार सबको शांत करने का प्रयास किया, लेकिन पदाधिकारी अपना गुबार निकालते रहे। उन्होंने यहां तक कहा कि अजमेर के भाजपा नेता एक हो जाएं तो यहां की पहचान ब्रह्मांड में हो जाए। यह कम शर्मनाक बात नहीं है कि जिस वक्त उन्होंने ऐसा कहा तब मंच पर शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी एवं महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री अनिता भदेल, संसदीय सचिव सुरेश रावत, राज्य किसान आयोग के अध्यक्ष सांवरलाल जाट, शहर भाजपा अध्यक्ष अरविंद यादव और अजमेर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष शिवशंकर हेड़ा मौजूद थे। हालांकि उन्होंने मजाकिया लहजे में ही कहा कि मंच पर बैठे ये सभी मेरे साले और सालियां हैं, मैं अजमेर का दामाद हूं, मगर कोई नेता अपनी स्थानीय रिश्तेदारी के बहाने दामाद का रौब दिखा जाए, यह कम अफसोसनाक नहीं।
उल्लेखनीय है कि अजमेर में भाजपा वासुदेव देवनानी एवं अनिता भदेल के गुटों में बंटी हुई है। अब तो आगामी विधानसभा चुनाव में अजमेर उत्तर से टिकट हासिल करने की ख्वाहिश रख कर शिव शंकर हेड़ा भी मजबूत होने लगे हैं। इन गुटों में खींचतान इतनी चरम पर है कि बड़े नेता एक दूसरे को फूटी आंख नहीं सुहाते। निष्ठावान भाजपा कार्यकर्ता इसका कितना नुकसान उठा रहे हैं, यह उनका मन ही जानता है। इतना ही नहीं इस गुटबाजी के कारण शहर के विकास में भी बाधाएं आती हैं, मगर इसे दूर करने की ताकत किसी बड़े नेता में नहीं। इस बार कृपलानी फटकार गए, मगर उम्मीद कम ही है कि गुटबाजी तनिक भी कम हो पाएगी।
-तेजवानी गिरधर
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