अब तक आधा दर्जन से अधिक लोग गवां चुके हैं जान
गोताखोर उस्मान की मानें तो अजमेर विकास प्राधिकरण की ओर से चैपाटी का निर्माण करवाया जा रहा है। निर्माण कार्य के चलते रामप्रसाद घाट की सीढ़ियों को तोड़ दिया गया। इससे यहां नहाने वाले जायरीन कच्ची मिट्टी के कारण फिसलने से डूब जाते हैं और मौत के मुंह में समां जाते हैं, जबकि कई लोगों को तो समय रहते बचा भी लिया जाता है।
एक को बचाने में गई दुसरे की जान
जयपुर निवासी अतीक कुरैशी अपने परिवार और रिश्तेदारों के साथ अजमेर के विश्व प्रसिद्ध ख्वाजा मोईनुद््दीन हसन चिश्ती की दरगाह में जियारत के लिए आया था। जियारत के बाद सभी रामप्रसाद घाट पहुंचे जहां नहाने के दौरान रशीद कुरैशी डूबने लगा। उसे बचाने के प्रयास में अतीक ने भी पानी में छलांग लगा दी। कुछ ही देर में अतीक भी डूबने लगा। गोताखोरों की मदद से अतीक को निकलवाया गया तब तक वह दम तोड़ चुका था। वहीं उसके रशीद का शव काफी समय तक गोताखोर खोजते रहे। बाद में जाकर उसका शव मिला। इससे पहले शुक्रवार को हैदराबाद निवासी नाजिया अपनी डूबती मां रहीमा को बचाने में मौत के आगोश में समां गई। वहीं ईद पर भी एक जायरीन नहाने के दौरान डूब गया था जिसका शव मंगलवार को तैरता दिखाई देने पर निकाला गया।
जायरीन झील के पानी को मानते हैं पवित्र
जायरीन आनासागर झील के पानी को पवित्र मानते हैं और रामप्रसाद घाट पर आकर नहाते हैं। वहीं यहां के पानी को भी अपने साथ बोतलों में भर कर ले जाते हैं। अभी इन दिनों में रमजान माह के कारण जायरीन की आवक भी कम थी इसके बावजूद भी इतने हादसे हो चुके हैं। आने वाले दिनों में मोहर्रम आएगा जिसमें जायरीन की आवक बढ़ जाती है। उसमें हादसे ओर अधिक होंगे।
प्रशासन दे ध्यान
प्रशासन को चाहिए कि एडीए के काम में गति लाई जाए और यहां पर पहले की तरह लोहे की जंजीरें लगाकर गोताखोर भी तैनात किए जाए। जिससे कि यहां पर हादसे थम सके। नहीं तो इसी तरह झील रोजाना जान निगलती रहेगी और इसे मौत की झील माना जाएगा।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार) अजमेर
9252958987
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