गौतम व मित्तल के बीच इस बार नहीं है सुनारी लड़ाई

टिकट पाने के चक्कर में मित्तल दे रहे हैं गौतम को चुनौती
टिकट की इस दौड़ में गौतम सबसे आगे वहीं विनायका दूसरे नम्बर पर, मित्तल का तो कहीं अस्तित्व ही नहीं

तिलक माथुर
*केकड़ी_अजमेर*
भारतीय जनता पार्टी में केकड़ी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के इच्छुक दावेदारों के बीच टिकट पाने की होड में हड़कंप मचा हुआ है। भाजपा से टिकट पाने वालों में क्षेत्रीय विधायक शत्रुघ्न गौतम, पार्षद राजेन्द्र विनायका, पालिकाध्यक्ष अनिल मित्तल, पूर्व प्रधान रिंकू कंवर राठौड़, भाजपा नेता राधेश्याम पोरवाल, रामेश्वर बंबोरिया सहित अन्य दावेदार शामिल हैं। टिकट पाने की इस दौड़ में विधायक शत्रुघ्न गौतम सबसे आगे हैं वहीं राजेन्द्र विनायका दूसरे नम्बर पर चल रहे हैं। भाजपा द्वारा किये गए सर्वे में भी इन दोनों को क्षेत्र के लोगों ने पसन्द किया है। इस भागदौड़ के बीच पालिकाध्यक्ष अनिल मित्तल भी मैदान में कूद चुके हैं। अनिल मित्तल की दावेदारी को लेकर क्षेत्र में तरह तरह की चर्चाएं हैं। लोगों के बीच इन दिनों यह चर्चा जोरों पर है कि आखिर क्या वजह है कि आचार संहिता लगते ही मित्तल मैदान में कूद पड़े, क्या गौतम व मित्तल के बीच कोई पैक्ट हुआ है, क्या दोनों के बीच यह लड़ाई पहले की तरह सुनारी लड़ाई है, क्या राजेन्द्र विनायका को डाउन करने के लिए कोई खेल खेला जा रहा है। इस तरह के कई सवाल लोगों के बीच चर्चा का विषय बने हुए हैं। लोगों की माने तो दोनों नेताओं के बीच यह सुनारी लड़ाई है जो पिछले सवा साल से चली आ रही है, कहने को तो लोग ये भी कह रहे हैं कि दोनों में से किसी को भी टिकट मिले ये दोनों फिर एकसाथ ही दिखाई देंगे। मगर सूत्र बताते हैं कि इस बार यह लड़ाई सुनारी नहीं है अबकी बार यह लड़ाई वर्चस्व व क्षेत्र का जनप्रतिनिधित्व करने को लेकर है। जबकि मित्तल को इस मुकाम तक लाने में गौतम ने अपने कई समर्थकों व भाजपाइयों को नाराज कर उन्हें पालिकाध्यक्ष बनाया था। शायद वे अब मन ही मन पछता रहे होंगे कि उन्होंने यह निर्णय गलत लिया था। खैर अब पछताए क्या होत जब चिड़िया चुग गई खेत। और वैसे भी राजनीति में कुछ भी सम्भव है क्योंकि कुर्सी की चाहत ही ऐसी होती है कि अपनों को पराया कर देती है। यही वजह रही कि दोनों नेता यहां कल पालिका द्वारा परम्परागत रूप से आयोजित होने वाले दशहरा कार्यक्रम में गैर हाजिर रहे जबकि इतिहास में पहली बार ही हुआ होगा कि दशहरा कार्यक्रम में पालिकाध्यक्ष नदारद रहे हों। दोनो का इस कार्यक्रम में उपस्थित न होना भी शहर में चर्चा का विषय रहा। बताया जा रहा है कि दोनों नेता टिकट के चक्कर में क्षेत्र से बाहर थे। उल्लेखनीय है कि टिकटों की मारामारी के चक्कर में भाजपा ने इस बार उम्मीदवार के चयन के लिए आज जयपुर में रायशुमारी का कार्यक्रम रखा है जिसमें विधानसभा क्षेत्र के 50 वर्तमान व पूर्व पदाधिकारी व जनप्रतिनिधि अपने चहेते उम्मीदवार के लिए वोट करेंगे। भाजपा द्वारा आयोजित इस रायशुमारी में हरेक पदाधिकारी व जनप्रतिनिधि तीन जनो का नाम एक फार्म में भर कर देगा। इन भाजपाइयों द्वारा सुझाये गए तीन नामों पर ही पार्टी उम्मीदवार का चयन करेगी। हर विधानसभा क्षेत्र से दो जनों का पैनल तैयार किया जाएगा जिनमे से किसी एक के नाम पर राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह कुछ भाजपा नेताओं की रायशुमारी के बाद अंतिम मोहर लगाएंगे। फिलहाल यह भविष्य के गर्भ में छिपा है कि कौन होगा तकदीर का बादशाह जिसे मौका मिलेगा चुनाव लड़ने का !
तिलक माथुर
*9251022331*

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