शक्ति सिंह रलावता डिप्टी मेयर पद के भावी उम्मीदवार?

हालांकि अजमेर नगर निगम के चुनाव कब होंगे, अभी ये ही पता नहीं है, न ही कांग्रेस ने फिलवक्त उम्मीदवारों की चयन प्रक्रिया आरंभ की है, बावजूद इसके वरिष्ठ नेता महेन्द्र सिंह रलावता के पुत्र शक्ति सिंह रलावता को उनके समर्थकों ने डिप्टी मेयर पद का भावी उम्मीदवार घोषित कर दिया है। यह उद्घोषणा फेसबुक पर फोटों के साथ धड़ल्ले से वायरल हो रही है। इतना ही नहीं, उस पोस्ट को लाइक भी खूब मिल रहे हैं, जो कि उनकी लोकप्रियता का द्योतक है। इसका अर्थ ये है कि उनके समर्थकों की नजर में न केवल शक्ति सिंह को टिकट मिल जाएगा है, अपितु वे जीत भी जाएंगे। वे ही क्यों, इस घोषणा के साथ यह भी तय मान लिया चाहिए कि बोर्ड कांग्रेस का ही बनने वाला है। इसे दुस्साहसपूर्ण घोषणा माने या अतिआत्मविश्वास, यह तय करना मुश्किल है, लेकिन इससे शक्ति सिंह के शुभचिंतकों की विल पॉवर का पता तो लगता ही है। इससे यह भी अंदाजा होता है कि उन्होंने राजनीतिक गणित फला लिया है।
ज्ञातव्य है कि मेयर का पद अनुसूचित जाति की महिला के लिए आरक्षित है। ऐसे में स्वाभाविक रूप से डिप्टी मेयर के पद पर गैर अनुसूचित जाति वर्ग के किसी व्यक्ति को मौका मिलेगा। पहले मारे सो मीर, की तर्ज पर अभी से डिप्टी मेयर के दावेदार की घोषणा कर देने का अर्थ ये भी है कि गैर अनुसूचित जाति वर्ग का कोई अन्य दावेदार अभी से समझ जाए कि उसे मौका नहीं मिलेगा। वो इसलिए कि शक्ति सिंह के पिताश्री महेन्द्र सिंह रलावता बहुत प्रभावशाली हैं। अगर वाकई शक्ति सिंह को टिकट मिलता है, जो कि बहुत आसान है, वे जीतते हैं और साथ ही बोर्ड में भी कांग्रेस का वर्चस्व रहता है तो यह तय मान कर चलिए कि आगामी डिप्टी मेयर शक्ति सिंह ही होंगे।
बताने की आवश्यकता नहीं है कि शक्ति सिंह कोई नया चेहरा नहीं हैं। भले ही उन्होंने कोई चुनाव नहीं लड़ा हो, मगर पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने अपने पिताश्री के चुनाव की कमान संभाली थी। न केवल उन्हें आम कांग्रेस कार्यकर्ता जानता है, अपितु राजनीति में रुचि रखने वाला हर अजमेरी उनसे सुपरिचित है। चूंकि वे पिताश्री के साथ साये की तरह चलते हैं, इस कारण उन्हें अजमेर की राजनीति के बारे में पूरी जानकारी व समझ है। यहां बताते चलें कि स्थानीय से लेकर राज्य स्तरीय व राष्ट्रीय राजनीति के ऐतिहासिक टिप्प रलावता जी की अंगुलियों पर थिरकते हैं। हालांकि ऐसा माना जाता है कि महेन्द्र सिंह रलावता आगामी विधानसभा चुनाव में भी टिकट के प्रबल दावेदार होंगे, फिर भी यदि अभी से अपनी राजनीतिक विरासत तय कर रहे हों, तो उसमें कोई बुराई नहीं है। राजनीति में ऐसा होना सामान्य सी बात है। उसमें अचरज वाली कोई बात नहीं है। बस दाद देने वाला आश्चर्य ये है कि शक्ति सिंह के फॉलोवर्स इतने अधिक यकीन से दावा कैसे कर रहे हैं? समझा जा सकता है कि इस दावे के साथ राजनीतिक जुगालियां आरंभ हो गई हैं।
धर्मेन्द्र गहलोत के पुत्र के भी इस बार चुनाव लडऩे की संभावना
राजनीति में परिवारवाद की बात चली है तो आपको लगे हाथ बताते चलें कि निवर्तमान मेयर धर्मेन्द्र गहलोत के पुत्र के भी इस बार चुनाव लडऩे की संभावना बताई जा रही है। वार्ड नंबर संभवत: दो हो सकता है। हालांकि स्वयं गहलोत ने इस प्रकार का कोई इशारा नहीं किया है, न ही मंशा जाहिर की है, मगर समझा जाता है कि उनके समर्थक इस बात का दबाव बना रहे होंगे कि उनके पुत्र को चुनाव मैदान में उतारा जाए। कुछ लोगों की यह भी जानकारी है कि गहलोत ने इस बात से इंकार किया है कि वे अपने पुत्र को चुनाव लड़ाने जा रहे हैं। जो कुछ भी हो, राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं है। अगर अभी नहीं, बाद में समर्थकों के इच्छा की वजह से गहलोत का मानस बनता भी है तो उसमें कोई भी हर्ज नहीं है। आसन्न चुनाव के बाद के चुनाव में वे फिर से मेयर बन पाएंगे या नहीं, उस बारे में कल्पना कोरी मूर्खता होगी, मगर इस चुनाव में अपनी राजनीतिक विरासत तैयार करना तो आसान है। अगर वे चाहेंगे तो उनके पुत्र का टिकट काटना निहायत असंभव है।
-तेजवानी गिरधर
7742067000
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