काश, इन्हें थोडी शर्म आती

शर्म आनी चाहिए नगर निगम की मेयर बृजलता हाडा एवं पार्षदों को,जिन्होंने कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच ना सिर्फ नगर निगम में फागुन महोत्सव का आयोजन किया। बल्कि कोरोना गाइड लाइन की जमकर धज्जियां उड़ाई । साथ ही प्रशासन के आदेश को भी ठेंगा दिखाया।

ओम माथुर
नगर निगम कई पिछले दिनों से अभियान चलाकर शहर के दुकानदारों एवं आम लोगों को मास्क नहीं लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग नहीं रखने के लिए जुर्माना लगा रहा है। दुकानें सीज कर रहा है। लेकिन उसी के परिसर में पार्षद और कार्मिक खुलेआम बिना मास्क लगाए एवं दूरी बनाए 4 घंटे कार्यक्रम आयोजित करते हैं। निगम के आयुक्त डॉ खुशाल यादव रोजाना शहर में घूम कर चालान काट रहे हैं । क्यों नहीं आज यह काम उन्होंने अपने दफ्तर में कर लिया? हिम्मत नहीं होगी ना, आखिर पार्षदों से कैसे पंगा ले़। यह पार्षद आपके जनप्रतिनिधि है । इन्हें आप को समझाना चाहिए कि कोरोना से बचने के लिए क्या सावधानियां बरतनी चाहिए। लेकिन ये तो खुद फाग उत्सव मनाने के लिए बावले हुए जा रहे थे ।
अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट ने जब कल इस समारोह की मंजूरी दी थी,तो उन्होंने कई शर्ते लगाई थी। सबसे महत्वपूर्ण ये थी कि ना तो स्टेज बनेगा और ना ही डीजे बजेगा। लेकिन स्टेज पर कार्यक्रम हुआ और डीजे भी खूब जोरदार आवाज में बजा। और हा़, एसपी शर्मा साहब, पुलिस तो आजकल लोगों को रास्ते में रोककर मास्क नहीं लगाने व सोशल डिस्टेंसिंग नहीं करने के चालान काटकर जुर्माना वसूल रही है। क्या नगर निगम से 200 कदम की दूरी पर कोतवाली थाना पुलिस को आज यह सब जाकर नगर निगम में नहीं करना चाहिए था। जबकि सिटी मजिस्ट्रेट ने अपने आदेश में कोतवाली थाना प्रभारी को कार्यक्रम पर नजर रखने और गाइड लाइन की पालना कराने के निर्देश भी दिए थे। लेकिन वो इसमें नाकाम रहे। क्या आप उनसे पूछेंगे और उन पर कोई एक्शन लेंगे।
जिस तरह शादियों में शामिल लोगों से जिले में कोरोना संक्रमण के मामले ज्यादा सामने आ रहे है,अगर निगम में हुए फागुन उत्सव से कोरोना को रास्ता मिल गया, तो कौन जिम्मेदार होना? और क्या नियम आम लोगों के लिए ही होते है। उनकी ही जिम्मेदारी है पालना करने की? अब ज्यादा क्या लिखना। ये खबर पढ लीजिए और पार्षदों की तस्वीरें देख लीजिए। सब सच दिख जाएगा।
वरिष्ठ पत्रकार श्री ओम माथुर की फेसबुक वाल से साभार

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