रेलवे खुद क्यों नहीं करता तारागढ पर पर्यटन विकास?

तारागढ पर रेलवे की दस हजार वर्ग मीटर जमीन का उपयोग पर्यटन विकास के लिए करने की मंषा पर पानी फिर गया है। विकास में बाधा का आरोप भाजपा के जनप्रतिधियों पर लग रहा है, मगर सच ये भी है कि इस जमीन का आवंटन न होने देने के लिए एक वायरल मैसेज की भी भूमिका रही होगी। साथ ही अहम सवाल यह कि रेलवे खुद क्यों नहीं करता तारागढ पर पर्यटन विकास?
सोषल मीडिया पर एक मैसेज वायरल हुआ था कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार की तैयारी रेलवे की 10 हजार वर्गमीटर जमीन वक्फ बोर्ड को देने की है। यह जमीन एक बार गई तो कभी वापस नहीं मिल सकती। सरकार पृथ्वीराज चौहान की विरासत को बर्बाद करने की तैयारी में है। इसका विरोध करना चाहिए। जल्द ही आंदोलन खड़ा करने की तैयारी कीजिए।
ज्ञातव्य है कि राजस्थान पर्यटन विकास निगम के इस प्रस्ताव को रेलवे ने नामंजूर कर दिया है। निगम के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी के जनप्रतिनिधि विकास कार्य में बाधक बन रहे हैं। राठौड़ ने पूरे वाकये का खुलासा करते हुए बाकयदा विज्ञप्ति जारी कर बताया कि 13 दिसंबर 2022 को रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव से मुलाकात कर निगम द्वारा तारागढ़ स्थित रेलवे के गेस्ट हाउस पर कैफेटेरिया एवं रेस्ट हाउस बनाने के लिए भूमि आवंटन का आग्रह किया गया था। इस पर रेल मंत्री ने सकारात्मक रूप दिखाते हुए अजमेर के रेल मंडल प्रबंधक को पर्यटन विभाग के अधिकारियों के साथ मौका मुआयना करने एवं नियम एवं शर्तों के बारे में बातचीत करने के निर्देश दिए थे। रेलवे मंत्री के निर्देशानुसार 14 दिसंबर 2022 को पर्यटन विभाग के अधिकारियों एवं रेलवे के अधिकारियों ने तारागढ़ का मौका मुआयना किया था एवं उसके बाद पर्यटन विभाग के अधिकारियों एवं रेलवे के अधिकारियों ने मंडल रेल प्रबंधक के कार्यालय में विस्तृत चर्चा की थी। इसमें जिला कलेक्टर अंशदीप एवं पुलिस अधीक्षक चुनाराम जाट सहित रेलवे एवं पर्यटन विभाग के आला अधिकारी शामिल थे। बैठक में रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि सन 1935 में निर्मित रेलवे गेस्ट हाउस जर्जर अवस्था में पड़ा है और इसके साथ लगभग 10000 वर्ग मीटर जमीन है, जिसे लीज पर अथवा किराए पर पर्यटन विभाग को दिया जा सकता है एवं पर्यटन विभाग पर्यटन के उद्देश्य से गतिविधियां संचालित कर सकता है। इसके लिए रेलवे के अधिकारियों ने अनुमानित राशि तक का प्रस्ताव पर्यटन अधिकारियों को दिया था। परंतु भारतीय जनता पार्टी के जनप्रतिनिधियों को निगम द्वारा की गई कवायद पसंद नहीं आई और उन्होंने रेलवे मंत्रालय पर दबाव बनाना शुरू कर दिया। इसके परिणाम स्वरूप रेल मंत्रालय ने 21 दिसंबर 2022 को एक पत्र जारी कर कहा कि निगम को पर्यटकों को खानपान एवं आवासीय सेवाएं प्रदान करने के लिए तारागढ़ पर रेलवे क्वार्टर एवं नवीनीकरण और उपयोग की अनुमति देने का अनुरोध किया गया है। इस संदर्भ में यह सलाह दी जाती है कि रेल मंत्रालय की मौजूदा पर्यटन एवं खानपान नीतियों के अनुसार इस तरह के पर्यटन उपयोग के लिए रेलवे के क्वार्टरों के उपयोग की अनुमति देने का प्रावधान नहीं है, तदनुसार उपरोक्त अनुरोध पर विचार नहीं किया जा सकता है।
निगम अध्यक्ष राठौड़ ने बताया कि निगम तारागढ़ पर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विकास कार्य करना चाहता है, मगर भारतीय जनता पार्टी के जनप्रतिनिधि अडगे लगा रहे हैं। राठौड़ ने आरोप लगाया कि भाजपा का चाल, चरित्र और चेहरा आम जनता के सामने आ गया है और भाजपा की कथनी और करनी में फर्क स्पष्ट हैं।
राठौड़ ने कहा कि पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री एवं अजमेर उत्तर से भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी ने पिछले 20 वर्षों में अजमेर में कोई विकास कार्य नहीं करवाया है और विकास कार्यों पर गंदी राजनीति कर अडंगे लगा रहे हैं।
कुल मिला कर पर्यटन विकास के लिए किए जा रहे एक अहम कवायद पर फिलवक्त पानी फिर गया है। महत्वपूर्ण बात यह है कि वाकई तारागढ पर रेलवे गेस्ट हाउस जर्जर अवस्था में पड़ा है। उसका और उससे सटी जमीन का पर्यटन के लिए किया जा सकता है। उस पर पहली बार निगम अध्यक्ष राठौड की नजर पडी, मगर राजनीतिक खींचतान के चलते एक बहुउपयोगी प्रस्ताव को नजर लग गई। चलो, मान लिया कि रेलवे को यह जमीन किसी और संस्था को देने का प्रस्ताव पसंद न आया हो, मगर इतना तो हो सकता है कि खुद रेलवे ही यहां पर्यटन विकास की कोई योजना बनाए।

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