tejwani girdharभाजपा आगामी चुनाव में राजस्थान में सत्ता पर काबिज होने के लिए युवा चेहरों पर दाव खेलने की रणनीति बना रही है, वहीं वरिश्ठों को भी सम्मान देने पर विचार कर रही है। यह स्वाभाविक सी बात है कि यदि वरिश्ठता के नाते किसी विधायक का टिकट काटा जाता है तो उसके नाराज होने पर नुकसान का अंदेषा रहेगा। हाल ही राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष को बीच बजट सत्र में ही असम का राज्यपाल बनाया गया, तो सब का चौंकना स्वभाविक था। इसका सीधा सा अर्थ यह निकाला गया कि हाईकमान उन्हें विधानसभा टिकट नहीं देना चाहता और सम्मान भी बरकरार रखना चाहता है। इसी तरह पूर्व षिक्षा राज्य मं़त्री वासुदेव देवनानी को राज्यपाल बनाए जाने के कयास लग रहे हैं, क्योंकि उनका भी टिकट काटे जाने की संभावना है। यानि कि जिन भी वरिश्ठ विधायकों को इस बार टिकट नहीं देने का फार्मूला बनाया जा रहा है, उनका सम्मान कायम रखा जाएगा। इस स्थिति में भाजपा में अंदरखाने यह कानाफूसी होने लगी है कि चार-छह बार विधायक का टिकट देने के बाद भी उन्हें उपकृत किया जा रहा है, जबकि ऐसे अनेक पूर्व विधायक या अन्य वरिश्ठ नेता हैं, जो लंबे समय से हाषिये पर पडे हैं। उनकी कोई सुध नहीं ले रहा। पार्टी उनकी सेवाएं तो ले रही है, मगर सम्मान की खातिर उनको कुछ नहीं दिया जा रहा। देवनानी को लगातार चार बार विधायक बनाने के बाद भी फिर लाभ का पद देने की चर्चा होने से उनके मन ही मन कुंठा हो रही है कि क्या हम पर भी नजरें इनायत होंगी। पार्टी में कुछ खास तवज्जो नहीं मिलने के चलते वे वे षनैः षनैः निश्क्रिय हो रहे हैं, अपनी ओर से नहीं बल्कि इसलिए कि कार्यकर्ता उनको अपेक्षित सम्मान ही नहीं दे रहा, आउट डेटेड मान कर।
इसी सिलसिले में भाजपा के अंदरखाने में विषेश रूप से आरएसएस लॉबी की ओर से यह दबाव बनने के आसार बताए जा रहे हैं कि वरिश्ठ मगर फिलवक्त हाषिये पर बैठे नेताओं को भी साधा जाए। ताकि आगामी चुनाव में उनका भी लाभ लिया जा सके। इसी कडी में पूर्व राज्य मंत्री श्रीकिषन सोनगरा, पूर्व नगर सुधार न्यास अध्यक्ष धर्मेष जैन, पूर्व एडीए चेयरमेन षिवषंकर हेडा, पूर्व सांसद औंकार सिंह लखावत, पूर्व विधायक हरीष झामनानी आदि को भी कहीं न कहीं एडजस्ट करने का दबाव बन सकता है। इसी प्रकार अजमेर नगर निगम के पूर्व महापौर धर्मेन्द्र गहलोत, तत्कालीन अजमेर नगर परिशद के सभापति सुरेन्द्र सिंह षेखावत को या तो टिकट देने या फिर संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देने का प्रेषर बन सकता है।