अजमेरनामा – रोजनामचा

1 गहलोत ने किया दावा
आगामी लोकसभा चुनाव की सरगरमी आरंभ हो चुकी है। अजमेर संसदीय सीट के लिए दावेदारों के नाम सियासी आसमान में तैर रहे हैं। हालांकि अब तक विधिवत दावेदारी की प्रक्रिया आरंभ नहीं हुई है, लेकिन अजमेर नगर निगम के पूर्व मेयर धर्मेन्द्र गहलोत ने खुल कर दावा पेष करके सबको चौंका दिया है। उन्होंने अपना बायोडाटा विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी को सौंपा है। दिलचस्प बात ये है कि इसकी फोटो को खुद उन्होंने अपने इंटाग्राम अकाउंट पर साझा किया है। सर्वविदित है कि देवनानी अभी प्रभावषाली स्थिति में हैं। अजमेर उत्तर से विधायक भी हैं, इस कारण उनकी राय भी ली ही जाएगी। सब जानते हैं कि गहलोत देवनानी के बेहद करीबी है। राइट हैंड कह लीजिए। अगर उन्होंने चाहा तो वे गहलोत को टिकट दिलवा भी सकते हैं। वैसे, प्रत्याषी फाइनल होने तक कई नाम आएंगे, जाएंगे।

2 निगम में आता है बाहर से पानी
मीडिया में एक खबर आई कि अजमेर नगर निगम की पानी टंकियां साफ नहीं होतीं, इस कारण वहां के कर्मचारी मार्केट से वाटर कैंपर मंगवाते हैं। यहां तक कि पार्शद भी बाहर का पानी पी रहे हैं। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। उससे भी ज्यादा अफसोसनाक बात ये है कि निगम के जिम्मेदार अघिकारियों को इसकी जानकारी ही नहीं है, और वे जांच करवाने की कह रहे हैं। कैसी विडंबना है कि जिस संस्था पर नागरिकों के स्वास्थ्य की भी जिम्मेदारी है, खुद वही अपने कर्मचारियों के स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह है। इस स्थिति पर क्या कहा जाए। किन षब्दों में लानत दी जाए, षब्द ही आपना सामर्थ्य खो रहे हैं। क्या पोपा बाई का राज कह देने से काम चल जाएगा या यह दीया तले अंधेरा है?

3 पीली लाइन सराहनीय कदम
नगर निगम प्रषासन साधुवाद का पात्र है। बाजारों में अस्थाई अतिक्रमण का तोड निकलते हुए उसने प्रमुख बाजारों में दुकानों के आगे पीली लाइन खींची है। उसके बाहर जो भी दुकानदार अपना समाना रखेगा, उसे बिना कोई चेतावनी दिए, जब्त कर लिया जाएगा। यदि वाकई इस पर सख्ती से अमल हुआ तो उम्मीद की जा सकती है कि अस्थाई अतिक्रमणों से काफी हद तक निजात मिल जाएगी। वैसे अब तक का अनुभव ये है कि जैसे ही सख्ती षिथिल होती है, हालात के जस के तस हो जाते हैं। और नियमित सख्ती के लिए निगम के पास संसाधन का अभाव है।

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