एक शताब्दी पूर्व इसी मार्च माह में बापू आये थे अजमेर

*अजमेर की धरती से हमारे राष्ट्र पिता महात्मा गाँधी ने किया ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ सीधी जंग का ऐलान*

b l samra
साबरमती के संत मोहन दास करम चंद गाँधी अपने जीवन काल में तीन बार राजस्थान प्रवास पर आये थे और तीनों ही बार वे केवल अजमेर आये तथा रात्रि प्रवास कचहरी रोड स्थित फूल निवास में गौरीशंकर भार्गव के यहाँ ठहरे। यह विवरण स्वयं बापू के 102 वर्ष पुराने हिन्दी साप्ताहिक नवजीवन अखबार में प्रकाशित हुआ और इस अखबार के 52 अंक अजमेर में भारतीय जीवन विरासत बीमा निगम के सेवा निवृत्त शाखा प्रबंधक तथा विरासत सेवा संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष बी एल सामरा के संग्रह में सुरक्षित हैं, जिसको हाल ही आयोजित विरासत प्रदर्शनी में में प्रदर्शित किया गया। गाँधी जी 8 मार्च 1922 को अजमेर आए थे और उन्होंने यहाँ सविनय अवज्ञा आंदोलन का ऐलान कर जनता से अंग्रेज सरकार के तमाम कानून के बहिष्कार करने का आह्वान किया जिसे ब्रिटिश हुकूमत ने राजद्रोह मान कर उनके गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिये मगर ब्रिटिश पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर पाती,उसके पहले ट्रेन द्वारा वे अजमेर से अहमदाबाद प्रस्थान कर गए और अहमदाबाद पहुँचते ही 10 मार्च को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया । महज आठ दिन की अदालती कार्यवाही के बाद राजद्रोह के आरोप में उनको छह साल के कारावास की सजा सुना दी गई। उन्होंने अपने मुकदमे की पैरवी स्वयं की और बिना विचलित हुए दृढ़ता से अपना पक्ष रखा एवं अजमेर की जन सभा में अपने भाषण की पुष्टि की । अंग्रेज मजिस्ट्रेट जेम्स बरूहमफील्ड ने अदालत के कटघरे में खड़े गांधी जी को अपनी सीट से उठ कर आई सैल्यूट मि गांधी कह कर सैल्यूट किया। ब्रिटिश हुकूमत के दौरा में सम्भवतः यह पहला अवसर था,जब किसी अंग्रेज मजिस्ट्रेट ने अपनी अदालत के कटघरे में मौजूद अभियुक्त को अपना सिर झुका कर नमन किया हो।

error: Content is protected !!