*अब तो विकास के पंख लगाकर उड़े अजमेर*

-कांग्रेस राज में राजनीतिक रूप से ’’अकाल’’ भोगा अजमेर ने
-अब भाजपा राज में अजमेर की ’’पांचों अंगुलियां घी में’’ हैं
-फिर भी अजमेर विकास में पिछड़ा रहे, तो यह दुर्भाग्य होगा

प्रेम आनंदकर
👉एक केंद्रीय राज्यमंत्री, एक विधानसभा अध्यक्ष, एक राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री, दो राज्यमंत्री स्तर वाले प्राधिकरण और बोर्ड के अध्यक्ष। वाह भई, क्या भाग्य चेते हैं अजमेर के। अब तो अजमेर को विकास के पंख लगाकर उड़ना चाहिए। विकास की दृष्टि से इतना ज्यादा मालामाल और मदमस्त हो जाना चाहिए कि हर कोई हमारे अजमेर की तरफ आंखें फाड़-फाड़ कर देखे। अजमेर को जो कुछ भी मिला है, उसका श्रेय केवल और केवल राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री व पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट को जाता है। जब वे अजमेर से लोकसभा का चुनाव जीत कर मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली केंद्र की कांग्रेस सरकार में संचार और कंपनी मामलात के राज्यमंत्री बने, तो वाकई उन्होंने अजमेर को विकास की सौगातों से लाद दिया था। अजमेर से चारों दिशाओं में जो लंबी दूरी की रेलगाड़ियां चल रही हैं, वह पायलट की ही देन हैं। हवाई अड्डा भी पायलट की उपलब्धि है। लेकिन यह अजमेर का दुर्भाग्य रहा कि दूसरी बार लोकसभा चुनाव लड़ने पर पायलट हार गए। इसमें कोई दोराय नहीं है कि सचिन पायलट वह कद्दावर नेता हैं, जिनकी छवि राष्ट्रीय स्तर के नेता के रूप में बनी हुई थी और आज भी बनी हुई है। चाहे केंद्र में भाजपा की सरकार होती या कांग्रेस की, वे यदि अजमेर से दूसरी या तीसरी बार या लगातार चुनाव जीतते रहते, तो अजमेर निहाल हो जाता। पायलट के दोस्ताना संबंध विरोधी पार्टियों के नेताओं से भी हैं, इसलिए वे विपक्ष में बैठने के बावजूद अजमेर की झोली कभी भी खाली नहीं रहने देते। अजमेर के राजनीतिक इतिहास में केंद्र सरकार में अजमेर की भागीदारी या यूं कहें केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह ही पायलट से मिलनी शुरू हुई थी। पायलट के बाद अजमेर से सांसद चुने गए भाजपा के स्व. सांवरलाल जाट भी नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में जल संसाधन राज्यमंत्री बने, लेकिन अजमेर को कुछ भी नहीं दे पाए। अब यह तीसरा अवसर है, जब अजमेर से हाल ही लोकसभा का लगातार दूसरी बार चुनाव जीते भाजपा के भागीरथ चौधरी को केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण राज्यमंत्री बनाया गया है। वैसे चौधरी का पहला कार्यकाल देखें, तो कोई विशेष उपलब्धि उनके राजनीतिक और विकास के बही-खाते में नहीं है। अब चूंकि वे मंत्री बनकर केंद्र सरकार में सीधी भागीदारी निभा रहे हैं, तो अजमेर संसदीय क्षेत्र की संपूर्ण जनता को उनसे काफी उम्मीदें और आशाएं हैं। इधर, पिछले साल नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव में अजमेर उत्तर से जीते भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी को बहुत बड़ा ओहदा मिला है। यह अजमेर और यहां की जनता का सौभाग्य है कि हमारे अजमेर के विधायक विधानसभा अध्यक्ष बने हैं। देवनानी अजमेर के विकास के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैंl पुष्कर से लगातार तीसरी बार विधायक बने भाजपा के सुरेश सिंह रावत पहले संसदीय सचिव रह चुके हैं और बार उन्हें कैबिनेट स्तर का जल संसाधन मंत्री बनाया गया है। इनके अलावा राजस्थान भाजपा के बड़े नेताओं में शुमार ओंकारसिंह लखावत फिर से राजस्थान धरोहर संरक्षण व प्रोन्नति प्राधिकरण के अध्यक्ष और राजस्थान भाजपा के महामंत्री ओमप्रकाश भड़ाणा राजस्थान देवनारायण विकास बोर्ड के अध्यक्ष बनाए गए हैं। लखावत और भड़ाणा को भी राज्यमंत्री स्तर का दर्जा मिला हुआ है। यदि अजमेर संसदीय क्षेत्र की बात करें, तो दूदू के भाजपा विधायक डॉ. प्रेम चंद बैरवा राजस्थान के उप मुख्यमंत्री हैं और उनके पास विभाग अहम् विभाग हैं। यानी अब राजनीतिक प्रतिनिधित्व के हिसाब से अजमेर जिला और संसदीय क्षेत्र पूरी तरह सराबोर है और ताकतवर बनकर भी उभरा है। अजमेर की बाजुओं में काफी दमखम आ गया है। इसलिए अजमेर जिले और संसदीय क्षेत्र के नागरिकों को उम्मीद है कि अजमेर इस बार विकास के पंख लगाकर उड़ेगा, कुलांचे भरेगा। पानी, बिजली, सड़क, चिकित्सा, शिक्षा, रोजगार, रोटी, कपड़ा, मकान आदि की कोई कमी नहीं रहेगी। अब तो डबल इंजन की सरकार भी पटरी पर आ गई है। राज्य में भी भाजपा सरकार है, तो केंद्र में भी भाजपा की सरकार बन गई है। ना मांगने वालों को दिक्कत होनी चाहिए और ना ही देने वालों को ना-नूकुर करना चाहिए। यहां तो ’’देने वाले श्रीनाथजी और लेने वाले श्रीनाथजी’’ होना चाहिए। इतना सब-कुछ होने के बाद भी यदि अजमेर विकास में पीछे रह जाए, जनता पानी, बिजली, सड़क, शिक्षा, रोजगार आदि के लिए तरसे, तो इसे अजमेर का बहुत बड़ा दुर्भाग्य ही माना जाएगा। जिस तरह जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, कोटा आदि चमचमा रहे हैं, उसी तरह अब अजमेर भी चमचमाना चाहिए। इन सभी राजनेताओं को राजनीतिक इच्छाशक्ति का परिचय देना चाहिए। अजमेर को विकास की ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए यदि प्रशासन स्तर पर व्यापक फेरबदल करना पड़े, तो करना चाहिए। यदि अजमेर में नियुक्त कोई भी ऐसा अधिकारी, जिसका सीधा जनता से जुड़े विभाग से ताल्लुक है, वह जनता की भावनाओं के अनुरूप काम नहीं करता है और जनसमस्याओं का समाधान करने के लिए आपके आदेश-निर्देश की पालना नहीं करता है तो उसे तुरंत अजमेर से रवाना कर दीजिएl अब तो सरकार आपकी ही है, क्योंकि जनसमस्याओं का समाधान नहीं होने और जनता द्वारा सरकारी विभागों के चक्कर काटने पर जनता आपको ही कोसेगीl
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✍️प्रेम आनन्दकर, अजमेर।
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