*जनप्रतिनिधि ताकत दिखाएं, तो बहुत-कुछ हो सकता है*

’’अब तो विकास के पंख लगाकर उड़े अजमेर’’ शीर्षक से लिखे गए ब्लॉग पर अजमेर के अनेक लोगों की मिलीं प्रतिक्रियाएं
-अजमेर की बदहाली सुधारने के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों की दलों की सरकारों ने कुछ नहीं किया

प्रेम आनंदकर
👉मुझे इस बात खुशी है कि मेरे द्वारा 16 जून को ’’अब तो विकास के पंख लगाकर उड़े अजमेर’’ शीर्षक से लिखे गए ब्लॉग पर अजमेर के अनेक लोगों की प्रतिक्रियाएं सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म और मेरे व्यक्तिगत वाट्सएप्प नंबर पर मिली हैं। ब्लॉग में मैंने यह लिखा था कि किस तरह राजनीतिक ताकत के रूप में एक बार फिर अजमेर उभरा है। यदि इसके बाद भी अजमेर विकास में पीछे रह जाए, तो यह बहुत बड़ा दुर्भाग्य होगा। इस ब्लॉग में मैंने सत्ता में भागीदारी निभाने वाले कमोबेश सभी जनप्रतिनिधियों का उल्लेख किया था। मेरे ब्लॉग पर जो प्रतिक्रियाएं मिली हैं, उन्हें मैं व्याकरण की अशुद्धि में सुधार के साथ हूबहू आप सभी के समक्ष पेश कर रहा हूं। हां, व्यक्तिगत कुंठाएं पालकर दी गई प्रतिक्रियाएं मैंने शामिल नहीं की हैं, जिसके लिए मैं क्षमा प्रार्थी हूं।
👉छह माह पहले तक तो राजस्थान में कांग्रेस का शासनकाल था। पानी, बिजली, चिकित्सा, शिक्षा, सड़क, सफाई आदि की समस्याओं का समाधान नहीं हो पाया, अजमेर जिले में एक भी बड़ा उद्योग नहीं लग पाया, इन सबके लिए आपको कांग्रेस नेताओं से भी सवाल करना चाहिए था और उनको भी घेरना चाहिए था। पूर्ववर्ती भाजपा शासनकाल में जिन मुद्दों को लेकर कांग्रेस नेता आए दिन सड़कों पर उतरते थे, वे पूरे पांच साल तक अपनी पार्टी की सरकार होने के कारण चुप्पी साधे बैठे रहे। अब भाजपा को सत्ता में आए, महज छह माह हुए हैं। ना सभी समस्याओं का समाधान और ना ही विकास कुछ माह में हो सकता है। राज्य में भाजपा की सरकार बनने के दो-ढाई माह बाद ही लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग गई थी। अब लोकसभा चुनाव भी निपट गए हैं। केंद्र में भी भाजपा की सरकार बन गई है। केंद्र और प्रदेश की सरकारें मिलकर काम करेंगी। उम्मीद की जानी चाहिए, अजमेर में विकास तेजी से होगा।
👉’थोथा चणा बाजे घणा’ कहावत ही होगी। कोई विकास नहीं होगा। बातें बहुत होती हैं।
👉आपका ये ब्लॉग अति उत्तम है जी। आपके इस ब्लाग में भूपेंद्र यादव का नाम भी जोड़ सकते थे, क्योंकि भूपेंद्र यादव जी भी अजमेर से ही हैं और इनकी पहुंच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, अमित शाह से डायरेक्ट है और अगर अजमेर संबंधित कोई योजना या मांग होती है तो इसमें भूपेन्द्र यादव का भी समर्थन-सहयोग मिल सकता है जी। धन्यवाद।
👉आनंदकर जी ब्लॉग के लिए धन्यवाद। अजमेर में कुछ हो सके देखिए। इसमें समय लगेगा। पानी की समस्या का समाधान तो इस भीषण गर्मी में हो नहीं पाया। आपने सही फरमाया इस समय अजमेर में बहुत सारे मंत्री हैं। राज्य में तथा केंद्र में भाजपा की सरकार है लेकिन इससे पूर्व में भी दो-दो तीन-तीन मंत्री अजमेर के रहे हैं। देवनानी जी भी थे, अनिता भदेल जी भी थीं तथा ओंकार सिंह जी लखावत भी रहे। लेकिन फिर भी अजमेर के जो कार्य होने चाहिए थे, वह नहीं हो पाए। आपको और हमको हताश नहीं होना चाहिए। प्रगति एक दिन में नहीं होगी। समय लगेगाl अजमेर के दिन भी फिरेंगे।
👉Sir me rahne wala hu bhunabaye ka, mera vidhansabha pushkar aatha hai or nigam ajmer, Fir bi hamari colony k haal bekar hai, na road hai. na naliya. Sir aapse nivedan h ki is preshani se aap ki news solution kar sakti hai. Ek bar aap aakar deko sir ji. Sir jab barast hoti hai to yaha colony k aadami bhar bi ni ja sakte hai, itana pani bar jata hai. Plz sir help with vinayak colony req. Aapki news padi achi lagi, isliye colony ki problem aapko share ki.
👉महोदय, आज अजमेर को पांच-पांच मंत्री मिलने से विकास के पंख लगने की उम्मीद का ब्लॉग पढ़ा, बहुत अच्छा लगा। मैं भी आपको अजमेर शहर की एक ज्वलन्त समस्या से अवगत कराना चाहता हूं, जो इस प्रकार है-आजकल अजमेर की ट्रैफिक पुलिस ने ट्रैफिक कंट्रोल का काम तो पूरी तरह बंद कर दिया है। अब उनका काम या तो चालान काटना है या कहीं भी, कैसे भी आड़े-तिरछे बेरिकेट्स लगाकर ट्रैफिक को बाधित करना है। अजमेर शहर में अब सड़क कम, ट्रैफिक पुलिस के बेरिकेट्स ज्यादा दिखते हैं। इन बेरिकेट्स के कारण हर राहगीर परेशान है और वो ट्रैफिक पुलिस को गाली बकता हुआ ही निकलता है। एक तरफ बेरिकेट तो दूसरी तरफ कहीं भी भरे ट्रैफिक में किसी भी गाड़ी को बीच रास्ते मे रोककर उसकी चेकिंग करना एवं चालान बनाना तो इनका अधिकार हो गया है। इनको रोकने एव देखने वाला कोई नहीं है। मुख्य चौराहे पर चार से पांच ट्रैफिक पुलिस को देखकर तो डर लगता है कि पता नहीं कब किसे रोक ले। एक सप्ताह के लिए पूरे शहर से बेरिकेट हटाकर ट्रैफिक पुलिस भी यदि हटा ली जाए तो शायद ज्यादा अच्छा अनुभव रहेगा। यदि मेरा लेख अच्छा लगे तो अवश्य लिखकर प्रशासन का ध्यान आकृष्ट करें।
👉नमस्कार। सरेराह ग्रुप में अपनी बात रखी और सम्पर्क नम्बर दिये। शुक्रिया आपका। अब अजमेर का विकास होना चाहिए ये मुद्दा और इस विषय पर पब्लिक की विकास कार्य मे क्या मंशा है, क्या राय है, वो अवगत करने का मौका दिया, उसके लिया मैं आपकी ऐसी सोच और विचारों का स्वागत करता हूं। हमें अजमेर मे रहते 55 वर्ष बीत गये, पर आज तक ट्रैफ़िक और रोड सड़कों का सही तरीके से निर्माण का नही होना व हर सार्वजनिक स्थान, बाज़ार, चौराहां पर अतिक्रमण में सुधार कभी पूर्णतया नहीं दिखा। ड्यूटी पर जो सेवादार लगाए जाते हैं, वे ही कुछ दिन बाद सब गड़बड़ कर देते हैं, ऐसा क्यों होता है। ये भी सभी जानते हैं भ्रष्टाचार कुछ ले-देकर होता है। आंखें मूंदना भी एक कारण है। फिर अजमेर स्मार्ट सिटी कैसे बने। जनता और प्रसासन दोनों की ही कहीं-ना-कहीं कमी है। कोई भी कार्य चाहे पानी का या रोड, पुलिया आदि छोटी-बड़ी बहुत समस्या का समाधान, निवारण होने में समय की कोई सीमा नहीं। होती कोई कार्य निर्धारित समय पर तो कभी पूरा होता ही नहीं। जनता का आक्रोश भी नजर आता है। कई लोगों को कष्ट होता है, पर वो अपनी आवाज उठाने में सक्षम नहीं या टाइम नहीं या आर्थिक स्थिति उनकी सुदृढ़ नहीं। जल समस्या तो बहुत है शुरु से, पर इसमें प्राकृतिक देन की वजह भी हैं, कुछ नेताओं की ढीलपोल। मेरे द्वारा लिखे इन विषयों में यदि कुछ त्रुटियां या गलती या अभद्रता हो तो क्षमा का प्रार्थी हूं।
👉सर जी आपने इनके बारे में एकदम सटीक एवं निर्भीकता से लिखा है, लेकिन ये सभी अहंकार से चूर हैं और ये नेता गण अपना पेट भरने में ही मस्त हैं। दस वर्ष पूर्व अजमेर शहर को माननीय प्रधानमंत्री मोदीजी ने स्मार्ट सिटी बनाए जाने की घोषणा की थी। क्या अजमेर शहर स्मार्ट सिटी बन गई??? यहां के लोगों की पीने के पानी की समस्या भी बहुत ही सोचनीय है, सड़कें आज बनाते हैं, फिर दस-पन्द्रह दिनों के बाद सीवरेज लाइन, पानी की पाइप लाइन खोद दी जाती है। अभी हाल में गैस की पाइप लाइन डालने के कारण सड़कों की हालत बदहाल है। अभी हाल ही में अजमेर शहर का दिल आनासागर झील को दो-तीन करोड़ रूपए की राशि खर्च करने के बाद भी आनासागर झील से जलकुंभी की समस्या भी नही मिटा पाए। अभी बरसात के मौसम में वापिस जलकुंभी फिर से आनासागर में अपने पैर पसार लेगी, क्योंकि यहां का प्रशासन भी सुस्त और जनप्रतिनिधि भी सुस्त। फिर अजमेर स्मार्ट सिटी भी फुस्स। स्मार्ट सिटी में स्थानीय युवाओं के लिए कोई भी रोजगार के साधन के रूप में कुछ भी नहीं है। अजमेर कभी शिक्षा के लिए प्रथम था और आज क्या स्थिति है? बस सब अपना पेट भरने में लगे हुए हैं। धन्यवाद जी।
👉बीजेपी के शासन में आते ही अजमेर में पानी की समस्या पूरी तरह से समाप्त हो गई है। कांग्रेस की सरकार में अजमेर को 84, 96 और 100 घंटों में पानी मिलता था, पर अब तो रोज 2 वक्त पूरे शहर को फुल प्रेशर से सप्लाई आती है। बिजली की सप्लाई भी सब जगह नियमित है और नाम मात्र का शुल्क देना होता है। अजमेर की सड़कों की तो जितनी तारीफ की जाए कम होगी, नेशनल हाईवे मानक की सड़कें हैं हमारी। सीवरेज सिस्टम भी काबिले तारीफ है। अतिक्रमण का तो सवाल ही नहीं उठता। वाकई पिछले 6 महीनों में अजमेर सही मायनो में स्मार्ट सिटी बन चुका है, किसी को कोई शिकायत ही नहीं है। हमारे माननीय सांसद महोदय, अजमेर से मंत्रीगण, दोनो माननीय विधायक साहेबान का बहुत बहुत आभार हम अजमेर वासियों की तरफ से, धन्य हो गए हम आप सबको पाकर। (मुझे लगता है, यह व्यंग्यात्मक टिप्पणी है।)
(यदि ब्लॉग पर आप अपनी कोई राय जाहिर करना या मार्गदर्शन देना चाहते हैं, तो मेरे मोबाइल व वाट्सएप्प नंबर-08302612247 पर संपर्क कर सकते हैं। आप मेरे फेसबुक पेज, ’’मेरा संवाद’’ यू ट्यूब चैनल और वाट्सएप्प चैनल से भी जुड़ सकते हैं।)

✍️प्रेम आनन्दकर, अजमेर।
📱8302612247

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