मौके पर नही पहुंची जिला कलेक्टर भारती दीक्षित , आखिर अजमेर जाकर देना पड़ा ज्ञापन

# *हजारों तीर्थ पुरोहितों के द्वारा पिछले 24 घंटो से चलाए जा रहे आंदोलन के बावजूद मौके पर नही पहुंची जिला कलेक्टर भारती दीक्षित , आखिर अजमेर जाकर देना पड़ा ज्ञापन •••*
# *केबिनेट मंत्री सुरेश रावत के विधानसभा क्षेत्र में पिछले डेढ़ महीनों में लाखो मछलियां तोड़ चुकी है दम । पवित्र सरोवर का जल भी दे रहा है भयंकर दुर्गंध ••••*
# *आखिर बीजेपी सरकार में क्यों हो रही है हिंदुओ के सबसे बड़े तीर्थ की दुर्दशा , आखिर जिला प्रशासन को क्यों नहीं है मंत्री सुरेश रावत का खौफ •••*

राकेश भट्ट
*पवित्र सरोवर के जल में बीते डेढ़ माह से हर रोज तड़प तड़पकर दम तोड़ रही हजारों मछलियां ~ मरने वाली मछलियों से सरोवर के सभी 52 घाटों पर फैल रही भारी दुर्गंध ~ बारिश की कमी के चलते लगातार गिरता जा रहा जलस्तर ~ सरोवर में हर रोज भारी मात्रा में डाली जाने वाली खाद्य सामग्री , अस्थियां, पूजन सामग्री और प्रशासनिक लापरवाही के चलते भयंकर दूषित होकर जानलेवा साबित होता सरोवर ~यह नजारा है उस पुष्कर सरोवर का जिसे हमारे वेद पुराणों मे साक्षात वैकुंठ का दर्जा दिया गया है । यह नजारा है उस सरोवर का जिसे भगवान ब्रह्मा जी का एकमात्र तीर्थ कहा जाता है यह नजारा है उस सरोवर का जो धरती पर स्थित साढ़े तीन करोड़ तीर्थो का गुरु भी कहा जाता है ।*

# *24 घंटो बाद भी पुरोहितों की बात सुनने नही पहुंची जिला कलेक्टर भारती दीक्षित आखिर अजमेर कार्यालय पर जाकर देना पड़ा ज्ञापन ••••*
*बीते डेढ़ महीनों में दो लाख से ज्यादा मछलियों की मौत हो जाने और पिछले 24 घंटो से लगातार जगतपिता भगवान ब्रह्मा जी के मंदिर के बाहर जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करके प्रदर्शन कर रहे हजारों तीर्थ पुरोहितों से मिलकर उनकी बात सुनने आज भी नही पहुंची जिला कलेक्टर भारती दीक्षित । आखिरकार पुरोहितों को अजमेर स्थित कार्यालय पर जाकर ही जिला कलेक्टर को ज्ञापन देना पड़ा । आपको बता दें कि 24 घंटो पहले शुरू हुए इस आंदोलन में तीर्थ पुरोहितों की सिर्फ एक ही मांग थी की जिला कलेक्टर पुष्कर आकर अपनी आंखों से सरोवर की दुर्दशा देखे और उन्हें आश्वस्त करे की जल्द ही स्थिति पर नियंत्रण पा लिया जाएगा । लेकिन अफसोस की बात है कि हिंदू वोट बैंक की राजनीति करके सत्ता में आने वाली बीजेपी सरकार में आज प्रशासनिक अधिकारी इतने अलमस्त हो गए है की उन्हे इतनी भीषण गर्मी में बैठकर बीते 24 घंटो से हजारों तीर्थ पुरोहितों द्वारा लगाए जा रहे नारो की आवाज भी सुनाई नही दे रही । आज विरोध दर्ज करवाने के लिए पुष्कर में सभी समाज की और से किए गए स्वैच्छिक पुष्कर बंद का भी जिला कलेक्टर पर कोई असर नहीं हुआ । अपने एयर कंडीशन ऑफिस में बैठी जिला कलेक्टर को उन लाखों मछलियों की वो आखिरी सिसकीया भी सुनाई नहीं दे रही जिसके बाद वह तड़प तड़पकर मरने को मजबूर हो रही है । आखिर जब इतना सब होने के बाद भी कलेक्टर दीक्षित ने पुष्कर आने की जहमत नहीं उठाई तो मजबूरन तीर्थ पुरोहितों के शिष्ट मंडल ने आज अजमेर जाकर उनसे मुलाकात की । शिष्ट मंडल में पुष्कर नारायण आदाली , अरुण पाराशर , गोविंद पाराशर , ओम प्रकाश पाराशर , बैजनाथ पाराशर , संजय पाराशर , मधुसूदन पाराशर सहित अन्य पुरोहितों ने कलेक्टर भारती दीक्षित को ज्ञापन देकर समस्याओं से अवगत करवाया जिसके बाद इन्हें जल्द समाधान करवाने का आश्वासन दे दिया गया ।*

# *इस मामले में आखिर केबिनेट मंत्री सुरेश सिंह रावत ने क्यों साध रखी है चुप्पी , राज्य सरकार के स्तर पर क्यों नही किए जा रहे सरोवर को बचाने के प्रयास ••••*
*एक तरफ प्रशासनिक अधिकारियों ने सीधे तौर आंदोलन कर रहे पुरोहितों को अपने हाल पर छोड़ दिया है तो वही दूसरी और पुष्कर से लगातार तीन बार जीतकर विधायक बनने वाले और वर्तमान में राज्य सरकार के केबिनेट मंत्री के रूप में जिले के सबसे मजबूत नेता माने जाने वाले सुरेश सिंह राव भी इस मामले में अनजान बने हुए है । आखिर पुष्कर विधानसभा की सबसे बड़ी पहचान के रूप में विख्यात पवित्र सरोवर के मामले में मंत्री रावत आगे बढ़कर तत्परता क्यों नही दिखा रहे । मेरा मानना है कि जिस तरह अजमेर की आनासागर झील पर फैली जलकुंभी के मामले में विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने त्वरित कार्यवाही करते हुए राज्य सरकार से ना सिर्फ तुरंत साधन उपलब्ध करवाए बल्कि लगातार उसकी मॉनिटरिंग करके झील को स्वच्छ करने में अहम योगदान निभाया । ठीक उसी तरह यदि केबिनेट मंत्री सुरेश रावत राज्य सरकार के स्तर पर पुष्कर सरोवर को स्वच्छ बनाने के लिए प्रयास शुरू करे तो आने वाले कुछ दिनों में ही स्थिति बदल सकती है । मंत्री रावत चाहे तो अब भी लाखो की तादात में विचरण कर रही मछलियों को मरने से बचाया जा सकता है । मुझे विश्वास है कि यदि मंत्री रावत इस मामले में तुरंत संज्ञान लेकर एक्शन मोड में आ जाए तो आने वाले कुछ दिनों में ही स्थिति ना सिर्फ पूरी तरह से नियंत्रण में आ सकती है बल्कि यह एक आदर्श तीर्थ के रूप में भी स्थापित हो सकता है ।*

# *पालिका के पास संसाधनों की कमी , फिर भी बीते 15 दिनों से अपने स्तर पर कर रही है प्रयास •••*
*इस मामले में पुष्कर नगर पालिका बीते 15 दिनों से अपने सीमित संसाधनों के माध्यम से जितनी हो सके उतनी कोशिश कर रही है । पालिकाध्यक्ष कमल पाठक के प्रयासों से पालिका कर्मी लगातार सरोवर से मृत मछलियों को निकालने में जुटे है । भयंकर दुर्गंध के बावजूद पालिका कर्मी रात दिन अथक मेहनत कर रहे हैं जिसे नकारा नहीं जा सकता । लेकिन चूंकि पालिका के पास संसाधन सीमित है यही वजह है की लगातार बिगड़ती जा रही स्थिति पर वह चाहकर भी नियंत्रण नहीं कर पा रही ।*

# *सरोवर की इस दुर्दशा के लिए स्थानीय नागरिक भी जिम्मेदार •••*
*सभी लोग जानते है की पुष्कर सरोवर का जल स्थिर बना रहता है । इसके चारो और पानी की निकासी का रास्ता नहीं है साथ ही सरोवर में पानी आने का स्त्रोत केवल और केवल बारिश का पानी ही है । चूंकि इस वर्ष अभी तक बारिश बिल्कुल भी नही हुई है और बीते चार महीनों से गिर रही भीषण गर्मी के चलते सरोवर का जलस्तर लगातार गिरता जा रहा है । यही वजह है की वर्तमान के सरोवर का जलस्तर मात्र चार से पांच फीट तक ही बचा है । जल के दूषित होने का दूसरा सबसे बड़ा कारण घाटों के किनारे लगी खाद्य सामग्री कि वे दुकानें है जिन्हे यहां के स्थानीय ब्राम्हण ही चलाते है। हकीकत जानने के बावजूद अपने चंद रुपयों के लालच में यह दुकानदार खुलेआम मक्का , ज्वार , बाजरा और चने बेच रहे है । पुण्य कमाने के लालच में आने वाले श्रद्धालु यही सब चीज मछलियों को खिलाने के लिए सरोवर में डाल रहे है जिससे जल लगातार गाढ़ा हो रहा है । इसके अलावा हर रोज सौ से ज्यादा लोगो की अस्थियां भी इसी जल में प्रवाहित की जा रही है यहां तक कि बाहर से आने वाले हजारों श्रद्धालु भी पूजा अर्चना करके पूजन सामग्री ( कुमकुम , हल्दी , शक्कर , चावल , मौली , तिल , जौ सहित अन्य सामग्री इसी जल में प्रवाहित करते है । यही वजह है की सरोवर के जल में ऑक्सीजन की मात्रा अब नही के बराबर बची है । यह जल अब इतना ज्यादा दूषित हो चुका है कि इसमें स्नान करना तो दूर अब आचमन तक लेना मुश्किल हो गया है ।*

# *सभी को मिलकर करने होंगे सरोवर को स्वच्छ रखने के प्रयास •••*
*सरोवर को स्वच्छ रखकर इसमें विचरण करने वाली हजारों लाखों मछलियों के प्राण बचाने के लिए अब मंत्री सुरेश रावत , जिला प्रशासन , पालिका प्रशासन , स्थानीय तीर्थ पुरोहितों और जागरूक नागरिकों सभी को मिलकर सामूहिक रूप से प्रयास करने होंगे। घाटों पर बेची जाने वाली खाद्य सामग्री की दुकानों पर सख्ती से कार्यवाही करनी होगी । सरोवर के पानी में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाने के प्रयास करने होंगे तभी जाकर इसके सुखद परिणाम आएंगे और भगवान ब्रह्मा का यह एकमात्र सरोवर अपने गौरव को फिर से पा सकेगा । जरूरत है इसके लिए आज और अभी से ही एक सामूहिक मुहिम की तरह सकारात्मक प्रयास शुरू करके उसे अमली जामा पहनाने की ताकि आने वाले भविष्य में ना तो सरोवर का जल दूषित हो सके और ना ही उसके चलते हजारों लाखों मछलियों को बेमौत मरने पर मजबूर होना पड़े ।*

*राकेश भट्ट* ✍️
*प्रधान संपादक*
*पॉवर ऑफ नेशन*
*Mo 9828171060*

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