अजमेर के ब्लॉगर्स दे रहे हैं शासन-प्रशासन को दिशा

अजमेर का मीडिया आरंभ से तेज तर्रार रहा है। पूरा प्रदेश अजमेर के पत्रकारों की जागरूकता का लोहा मानता है। खोज खबर से लेकर सामाजिक सरोकार के साथ शासन-प्रशासन को दिशा देने का धर्म सतत निभाता रहता है। अब पत्रकारों की एक पीढी सेवानिवृत्त हो गई है। नई पीढी ने प्रिंट मीडिया की जिम्मेदारी ले ली है। यह सुखद है कि अनुभवी सेवानिवृत्त पत्रकारों की कलम की स्याही अब भी नम है। रिटायरमेंट के बार घर जा कर नहीं बैठे हैं। सभी ने सोशल मीडिया के जगत में प्रवेश कर लिया है, ब्लॉग लेखन आरंभ कर दिया है और अपने धर्म की पालना कर रहे हैं। पहले से बेहतर। अखबारों में तो एक मर्यादा में रह कर ही लिखा करते थे, मगर अब स्वछंद हैं। उनकी लेखनी में और अधिक निखार आ गया है। भाषा शैली और अधिक प्रभावी हो गई है। इसका सबसे बडा फायदा यह हो रहा है कि अब वह भी उजागर हो रहा है, जो अखबारों में रहते हुए अनछुआ, अप्रकाशित रह जाता था। तुलनात्मक रूप से देखेंगे तो पाएंगे कि शासन-प्रशासन का प्रिंट की तुलना में बेहतर मार्गदर्शन कर पा रहे हैं। स्थिति ये है कि पाठक रोज नए ब्लॉग्स का इंतजार करते हैं। इनके जरिए घटनाओं की त्वरित जानकारी तो मिलती ही है, खबरों के पीछे की खबरें भी संज्ञान में आती हैं। नए दौर में यूट्यूबर्स भी सूचना तंत्र का त्वरित इस्तेमाल कर रहे हैं। जो खबर अखबारों में दूसरे दिन पढने को मिलती थी, वह अब वीडियो की शक्ल में आज ही अभी देखने को मिल रही है। इस नए युग को प्रणाम।

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