अजमेर में टच स्क्रीन मोबाइल फोन के चलन के बाद अनेक पत्रकार ब्लॉगिंग कर रहे हैं। सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अपने ब्लॉग साझा कर रहे हैं। लेकिन एक समय ऐसा भी था, जब ब्लॉग पीसी पर ही देखे जा सकते थे। बात 2010 के आसपास की है। अजमेर के जाने-माने दंत चिकित्सक डॉ राजेन्द्र तेला ने उससे भी पहले ब्लॉगिंग आरंभ कर दी थी। संभवतः वे अजमेर के पहले ब्लॉगर थे, जो अपनी कविताओं को प्रकाशित किया करते थे। कदाचित कोई और भी ब्लॉगर रहा हो, मगर उसकी जानकारी नहीं। मैने 2010 में अपने ब्लॉग आरंभ किए थे। तेजवानी गिरधर, अजमेरनामा, तीसरी आंख, दखल व साझा मंच के नाम से। इस लिहाज से मैं न्यूज बेस्ड ब्लॉग नियमित लिखने वाला पहला ब्लॉगर हूं। साझा मंच में डॉ तेला की अनेक रचनाएं प्रकाशित हुईं। वर्तमान ब्लॉगर्स ने तो बहुत बाद में जाना कि ब्लॉग होता क्या है? हिंदी फोंट को यूनिकोड में कन्वर्ट करने की जानकारी गिनती के लोगों को ही थी। अब तो मोबाइल फोन पर ही यूनिकोड में लिखना आसान हो गया है। गौरतलब तथ्य यह भी है कि कुछ ब्लॉगर ही ऐसे हैं, जिन्होंने बाकायदा ब्लॉग स्पॉट पर ब्लॉग बनाया है, बाकी टैक्स्ट सीधा वाट्सऐप व फेसबुक पर पोस्ट कर रहे हैं। कुछ ऐसे भी हैं जो ब्लॉग में सीधे खबर ही साझा कर रहे हैं।