अजमेर के सुपरिचित बुद्धिजीवी श्री नारायण सिंह ने अजमेर के प्रथम राजा अजयपाल का स्मारक बनाने पर जोर दिया है। उन्होंने सवाल किया है कि अजमेर के नेता राजा अजयपाल का स्मारक बनाना क्यों भूल गये? क्या अजमेर के नेताओं को अजमेर के प्रथम राजा अजयपाल से अनुराग नहीं है? ज्ञातव्य है कि पिछले कुछ वर्शों में अमुक अमुक जाति, धर्म के मतदाताओं के साधने के लिए महाराजा दाहरसेन स्मारक, वीरांगना झलकारी बाई स्मारक, पृथ्वीराज चौहान स्मारक, महाराणा प्रताप स्मारक, विवेकानंद स्मारक और कई सर्किल तो बनाए गए, मगर किसी भी राजनेता को अजमेर के प्रथम राजा अजयपाल का स्मारक बनाने का ख्याल नहीं आया। पुष्कर घाटी में महाराणा प्रताप का स्मारक बनाया गया है, जब कि वहां पर अजमेर के राजा अजयपाल का स्मारक बनाना चाहिए था। पर्यटन की दृष्टि से पुष्कर घाटी में सांझी छत बनाई गई, जिसका कोई उपयोग नहीं हो पाया, उसके बजाय वहां अजयपाल की अश्वारोही प्रतिमा स्थापित की जानी चाहिए। माना कि जो भी स्मारक बनाए गए हैं, उनका महत्व है, मगर राजा अजयपाल का भी महत्व कम नहीं है। माना कि अजमेर के निकट ही अजयपाल का मंदिर है, वह पर्यटन स्थल है, मगर वहां आम आदमी का पैर नहीं पडता। इसलिए अजयपाल को महत्व देने के लिए अजमेर में ही उनका स्मारक बनाया जाना चाहिए।
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