जिलाधीश नहीं, जिला कलेक्टर कहिये

आपको जानकारी होगी कि जिले के प्रशासनिक मुखिया को जिला कलेक्टर कहा जाता है। पहले इसका नाम जिलाधीश हुआ करता था। हालांकि जिनको इसकी जानकारी नहीं है, वे अब भी जिलाधीश शब्द का उपयोग किया करते हैं।
असल में जिलाधीश शब्द पारंपरिक भारतीय प्रशासनिक प्रणाली से जुड़ा हुआ है और इसका अर्थ होता है जिले का न्यायाधीश। यह ब्रिटिश शासन से पहले के समय में उपयोग किया जाता था, जब जिले का प्रमुख अधिकारी मुख्य रूप से न्यायिक कार्यों को देखता था। ब्रिटिश शासन के दौरान जिला प्रशासन का ढांचा बदला और जिले के सर्वोच्च अधिकारी को कलेक्टर कहा जाने लगा। कलेक्टर शब्द अंग्रेजी के कलेक्टर ऑफ रेवेन्यू से आया, जिसका अर्थ था राजस्व संग्रह करने वाला अधिकारी। ब्रिटिश काल में इस पद को न्यायिक से अधिक प्रशासनिक और राजस्व-संबंधी कार्यों का भार सौंपा गया। इसके बाद न्यायिक और प्रशासनिक कार्यों को अलग कर दिया गया और न्यायिक जिम्मेदारियां न्यायालयों को सौंप दी गईं।
आजादी के बाद भी ब्रिटिशकालीन प्रशासनिक व्यवस्था बनी रही। जिला कलेक्टर को विकास योजनाओं, कानून व्यवस्था, आपदा प्रबंधन और प्रशासनिक कार्यों कर जिम्मेदारी दी गई, जिससे यह केवल न्यायिक अधिकारी न रह कर एक बहुआयामी प्रशासनिक अधिकारी बन गया। इसलिए जिलाधीश शब्द की जगह जिला कलेक्टर या जिलाधिकारी शब्द का उपयोग किया जाता है।
जिला कलेक्टर एक प्रशासनिक पद है, जो किसी जिले के सर्वोच्च अधिकारी को दर्शाता है। इसे जिलाधिकारी भी कहा जाता है। जिला कलेक्टर राज्य सरकार का प्रतिनिधि होता है और जिले में शासन से जुड़ी विभिन्न जिम्मेदारियों को संभालता है।
जिला कलेक्टर राजस्व प्रशासन, भूमि रिकॉर्ड, कर संग्रहण, भूमि अधिग्रहण आदि, पुलिस और प्रशासन के सहयोग से जिले में शांति बनाए रखना, लोकसभा, विधानसभा और पंचायत चुनावों का आयोजन, बाढ़, सूखा, भूकंप जैसी आपदाओं में राहत और पुनर्वास कार्य, सरकारी योजनाओं और नीतियों का क्रियान्वयन और जिले के अन्य सरकारी विभागों का समन्वय और निगरानी आदि कार्य करता है।
जिलाधीश की जगह जिला कलेक्टर शब्द का इस्तेमाल इसलिए भी किया जाता है कि जिलाधीश शब्द से अधिनायकवाद की बू आती है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में जिला कलेक्टर शब्द को उपयुक्त माना गया है।

तेजवाणी गिरधर 7742067000

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