1947-48ः श्री हेमचंद सोगानी
1948-49ः श्री कृष्णगोपाल गर्ग
1949-51ः श्री कृष्णगोपाल गर्ग
1951ः श्री विशम्बरनाथ भार्गव
1951-52ः श्री ज्वाला प्रसाद शर्मा
1952ः श्री जे. के. भगत
1953 व 54 में प्रशासकों ने व्यवस्था संभाली
1954-55ः श्री दुर्गादत्त उपाध्याय
1955-57ः श्री कृष्णगोपाल गर्ग
1957-58ः श्री ज्वालाप्रसाद शर्मा
1959-60ः श्री देवदत्त शर्मा
1960-61ः श्री माणकचंद सोगानी
1961 से 69 तक प्रशासकों ने व्यवस्थाएं संभाली
1970ः श्री एम.के. नाथूसिंह तंवर
1971ः श्री माणकचंद सोगानी
1973ः डॉ. एम. एल. बाघ
1973 से 90 तक प्रशासकों ने काम संभाला
1990-95ः श्री रतनलाल यादव
1995-2000 श्री वीरकुमार
24.1.2000-9.4.2000: श्रीमती विद्या कमलाकर जोशी (कार्यवाहक)
10.4.2000-28.8.2000: श्री सुरेन्द्र सिंह शेखावत
28.8.2000-22.12.2003ः श्रीमती अनिता भदेल
22.12.2003-31.12.2005ः श्रीमती सरोज देवी जाटव
2005-10ः श्री धर्मेन्द्र गहलोत
सन् 2008 में भाजपा शासनकाल में तत्कालीन मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे की पहल पर नगर परिषद को नगर निगम का दर्जा दे दिया गया। इसकी घोषणा उन्होंने अजमेर में ही की। वे यहां राज्य स्तरीय गणतंत्र समारोह में शिरकत करने आई थीं। इस लिहाज से श्री धर्मेन्द्र गहलोत को पहला मेयर बनने का गौरव हासिल हुआ। हालांकि जनसंख्या संबंधी औपचारिकता बाद में कुछ गांव मिला कर की गई।
अगस्त 2010 में करीब बीस साल भाजपा का कब्जा रहने के बाद पहली बार कांग्रेस के नए चेहरे वरिष्ठ स्वतंत्रता सेनानी व पूर्व पार्षद स्वर्गीय श्री हरिशचंद जटिया के पुत्र श्री कमल बाकोलिया अजमेर नगर निगम के पहले निर्वाचित मेयर बने। उन्होंने भाजपा के डॉ. प्रियशील हाड़ा को पराजित किया।
2015 में नई व्यवस्था के तहत मेयर का चुनाव पार्षदों में से किया गया और एक बार फिर धर्मेन्द्र गहलोत मेयर बने
2020 में भाजपा की श्रीमती ब्रजलता हाडा मेयर चुनी गई
