इन दिनों शहर युवक कांग्रेस जिस तरह से असामान्य रूप से सक्रिय है, हर मुद्दे को लपकना नहीं चूंकती, उससे यकायक वह मंजर याद आता है, जब शहर कांग्रेस से भी अधिक सक्रिय था कांग्रेस सेवादल। हालांकि राजेश टंडन, रणजीत मलिक, महेश ओझा, ललित जडवाल, भूपेन्द्र राठौड, गुलाम मुस्तफा, महेन्द्र चौधरी व उनकी टीम अपने अपने समय में प्रभावशाली स्थिति में थी, उनके भी उल्लेखनीय किस्से हैं, मगर लंबे समय की शिथिलता के बाद मौजूदा अध्यक्ष मोहित मल्होत्रा के नेतृत्व में युवक कांग्रेस अतिरिक्त सक्रिय नजर आ रही है। यूं शहर कांग्रेस भी सभी औपचारिक कार्यक्रम नियमित रूप से कर ही है, मगर युवक कांग्रेस लीक से हट कर ज्वलंत मसलों को तुरंत लपक रही है। औपचारिकता नहीं निभा रही, बल्कि पूरे जोश के साथ प्रदर्शन कर रही है। संयोग से मल्होत्रा को कुछ वरिश्ठ साथियों भी सहयोग मिल रहा है। हाल ही बारिश से रामसेतु की एक भुजा क्षतिग्रस्त होने पर उन्होंने प्रदर्शन किया। इससे पहले आनासागर की खुदाई में हुई औपचारिकता को लेकर भी मौके पर प्रदर्शन किया। ज्ञातव्य है कि एक जमाने में जब एडवोकेट जसराज जयपाल शहर कांग्रेस अध्यक्ष थे, तब कांग्रेस सेवादल इसी तरह से शैलेन्द्र अग्रवाल के नेतृत्व में बहुत सकिय हुआ करती थी। हर छोटे मोटे मसले पर आए दिन आंदोलन हुआ करता था। इंदिरा गांधी भित्तिचित्र का मुद्दा उनमें से यादगार आंदोलन है। बहरहाल, मल्होत्रा जिस तेज रफ्तार से आगे बढ रहे हैं, उससे अनुमान लगता है कि वे लंबी रेस के धावक साबित हो सकते हैं, मगर वह तभी संभव है, जब गुटबाजी से दूर बने रहें।
