गत 18 च 19 जुलाई 2025 को आई भारी बारिश के कारण अजमेर में अनेक कॉलोनियों व सडकों पर जल भराव की विकट समस्या उत्पन्न हो गई है। प्रसंगवश यह बता दें कि बरसात के पानी के निकास को लेका विजन अजमेर ने गत 1 सितंबर 2024 को खास बैठक की थी। बैठक में हुई चर्चा में आए सुझावों को संकलित कर एक विस्तृत ज्ञापन जिला कलेक्टर को दिया गया था। ज्ञापन इस प्रकार थाः-
श्रीमान् लोक बंधु जी,
जिला कलेक्टर महोदय,
अजमेर।
विषय- बरसाती पानी की निकासी का स्थाई समाधान व निदान पर सुझाव।
महोदय,
विजन अजमेर में पानी निकासी पर अजमेर के प्रबुद्धजन की एक परिचर्चा कर निकासी पर होने वाली परेशानियों पर विभिन्न विशेषज्ञों ने एक मत से राय व्यक्त की व समय रहते दीर्घकालीन योजनाएं बना कर, इस समस्या से निपटा जाए। अजमेर अरावली पहाड़ियों की तलहटी में बसा शहर होने से पानी की निकासी पर जल संग्रहण स्थलों अवैध निर्माण होना व शहर के पुराने राजस्व व नगरीय रिकार्ड, उच्च न्यायालय के आदेशों की पालना करने पर बरसाती पानी का समाधान किया जा सकता है। जिसके मुख्य बिन्दु निम्न प्रकार है-
1 जल संरक्षण फाईसागर, आनासागर, बिसला पाल व खानपुरा तालाब होता हुआ लूणी नदी व आगे चला जाता है। इस जल संरक्षण के लिए चौनल गेट भी लगाये गये थे, जिन्हें अब चौक करना होगा व पूर्व की भांति जल भराव के लिए अधिकतम स्टोरेज हो यह पाबंद किया जाये।
2 पहाड़ियों से यह पानी सरोवरों, तालाब, कुंओ, झालरों व बावड़ियों में आकर एकत्रित भी होता था, प्रकृति के साथ छेडखानी कर वहां मकानों का निर्माण हो गया, जिन्हें पूर्व की भांति अस्तिव में लाना होगा, जिससे पीने के पानी का विकल्प भी हो सकेगा।
3 भराव के लिए आने वाले पानी के स्त्रोतों पर अवैध निर्माण व कॉलोनियों को निर्माण हो गया है।
4 आनासागर की भराव क्षमता को कम किया गया है, जिसे पूर्व की भांति होना आवश्यक है।
5 उच्च न्यायालय द्वारा बीचला पाल व आनासागर झील में मूल रिकॉर्ड के अनुसार व्यवधानों को हटाने के आदेशों के उल्लंघन पर कठोर कार्यवाही की जानी चाहिए।
6 पहाड़ियों के बरसाती पानी को पहाड़ के नीचे चारों तरफ नहर व एनिकेट बनाकर संग्रहण के लिए ले जाया जाए व नहर, एनिकट के ऊपर सड़क बनाकर रिंग रोड के उपयोग में भी लिया जा सकता है व पानी को संग्रहण हेतु योजना बनानी होगी।
7 पहाड़ों व अन्य स्थानों पर वनस्पति को नहीं कांटा जाये, शहरी क्षेत्रों में जमीन में पानी जाने के स्त्रोतों का भी निर्माण होना चाहिए, जिससे जमीन का वाटर लेबल बढ़ सकें।
8 झीलों व बावड़ियों की सफाई के लिए जन जागृति लाकर कार सेवा भी कराई जानी चाहिए।
9 बरसाती पानी के निकासी के बाड़ी नाड़ी व एस्केप चौनल की सफाई, मरम्मत व नाले की ऊंचाई के लिए वित्त प्रबंधन कर आम जन व निचली बस्तियों को राहत दी जा सकती है।
10 योजनाएं तो पूर्व में भी बनी हैं, परन्तु तालमेल की वजह से सभी बातें समय के साथ ठंडे बस्तें में चली जाती है। सरकार, प्रशासन व जनता भी तत्कालीन समस्याओं को अन्य समस्या आने पर को भूल जाती है। समस्या पुनः आने पर ही सब एक साथ वापस जागते है।
11 एस्केप चौनल की सफाई वर्ष में दो बार अक्टूबर व अप्रेल में कराई जाये व सफाई ठेकेदारों को भुगतान पूर्ण गहराई तक सफाई व मलवा निकालकर नीचे का धरातल दिखने क बाद ही हो।
12 शहर की नियमित रोजाना सफाई से संबंधित ठेकेदारों व कर्मचारियों को पाबंद किया जाये कि सड़क का कचरा डिपों तक पहुंचाकर मलबे को दूर ले जाकर उसका निस्तारण किया जाये। उस कचरे को नाली में नहीं डाला जाये।
13 अजमेर में सिवरेज लाईन की ढलान को भी जांच की जाये व नियमित सफाई के लिए संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों को पाबंद किया जाये।
14 शहर में कचरा एकत्रितकरण की योजना को और बढ़ाया जाये, मकानो व व्यवसायिक स्थलों से कचरें को सूखा व गीला अलग-अलग प्राप्त किया जाये, जिससे कचरा नालियों में नहीं जायेगा।
15 प्लास्टिक के उपयोग को नहीं करने के लिए सख्ती से पालना व कार्यवाही नियमित रूप से हो।
16 पानी के निकासी का नवीनतम मास्टर प्लान व मॉडल बनाकर आवश्यकता अनुसार चौड़ा व गहरा होने पर विचार कर वित्त प्रबंधन किया जाये, जिसमें शहर में एकत्रित पानी की निकासी, नालों के उच्चतम बहाव से ऊपर हो।
17 वर्षा से पूर्व पानी की निकासी के नाले-नाली, एस्केप चौनल व सभी स्त्रोतों का निरीक्षण कर सभी विभागों को पाबंद करे।
18 नो कस्टेक्शन जोन जो बनाये गये है उन पर अतिक्रमण ना हो इसके लिए 365 दिन विभाग को सचेत रहना होगा।
19 आनासागर में मिलने वाले 13 नालों (काजी का नाला, क्रिश्चयनगंज, अफ्सरा मैशन, शांतिपुरा, आंतेड़, वैशालीनगर, चौरासियावास, रांतीड़ाग, रिजनल कॉलेज, कोटड़ा, बाड़ी, महावीर कॉलोनी, नागफणी नाला) के बरसाती पानी व गंदे पानी के लिए अलग-अलग व्यवस्था होनी चाहिए, जिससे आनासागर में स्वच्छ पानी रहे।
20 सड़कों के टेंडर की प्रक्रिया प्रारंभ होने से पूर्व सड़क के दोनों तरफ नालियों की गहराई व ढ़लान के लिए विभागों को पाबंद करना।
21 नागरिकों को पानी के निस्तारण में आने वाली समस्याओं के लिए प्रशिक्षण देकर उन्हें कर्त्तव्यों के प्रति जागरूक करना।
22 वेस्ट पानी को रिसाईकिल कर पुनः उपयोग में लाने की भी योजना बने।
23 मकानों व व्यवसायिक परिसरों की छतों के पानी को संग्रहित करने के लिए निर्देशों का पालन कराया जाये।
24 सभी विभागों मंे तालमेल, व्यवारिकता से होना अति-आवश्यक है।
विजन अजमेर सरकार, शासन, प्रशासन से आमजन की समस्याओं व अजमेर के विभिन्न क्षेत्रों में संपूर्ण विकास के लिए सेतु का कार्य कर रही है। आपसे आग्रह है कि इस ओर विशेष ध्यान देते हुए अजमेर की पुरानी मुख्य समस्या बरसाती पानी की निकासी के स्थाई समाधान व निदान के यह प्रमुख बिन्दुआंे पर विचार करे यह तो अधिक बारिश का नतीजा है जो इस वर्ष देखने का मिला, यदि बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होती है तो शहर का क्या हाल होगा, यह कल्पना की जा सकती है।
आप इस ओर सकारात्मता से विचार कर क्रियान्विति की भूमिका अदा करे, जिससे अजमेर में पर्यटन व विकास को एक नये पंख लग सकें।