हाल ही विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और शिव सेना ने जयपुर डेयरी के उत्पाद सरस अभिषेकम पर सिर्फ इस कारण रोक लगाने तथा डेयरी एमडी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग के लिए अतिरिक्त जिला कलेक्टर गजेंद्र सिंह को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया, क्योंकि दूध की बोतल में भगवान शिव का फोटो लगाया गया है। इन संगठनों के कार्यकर्ताओं ने संतों के सान्निध्य में विरोध स्वरूप सरस अभिषेकम का बहिष्कार किया और शीशियों में भरे पदार्थ को सड़क पर बहाया।
धर्म में आस्था रखने वालों को यह अभियान बेशक सराहनीय लगा होगा, मगर सवाल उठता है कि क्या अकेले डेयरी ने ही इस प्रकार अपने उत्पाद पर हमारे आराध्य का फोटो लगाया है? ऐसे अनेक खाद्य पदार्थ हैं, जिन के पैकेट पर देवी-देवताओं के फोटो लगे हुए हैं। यहां तक कि मादक पदार्थ तम्बाकू से बने उत्पादों तक पर देवताओं के फोटो धड़ल्ले से उपयोग किए जा रहे हैं, मगर उनका विरोध करने की किसी ने जहमत नहीं की।
आइये, आपको हम कुछ ऐसे ही उत्पादों के फोटोज के जरिए बताते हैं कि किस पर किस देवता का फोटो लगा हुआ है। यथा मंगलौर गणेश बीड़ी पर प्रथम आराध्य देव गणेश जी की फोटो लगी हुई है। इसी प्रकार अजमेर में ही निर्मित चूना मिश्रित तम्काबू के पैकेट पर नटराज की फोटो लगी है। हरियाणा की कुबेर तम्बाकू पर धन के देवता कुबेर का फोटो लगा है। इसी प्रकार ओम शंकर बीड़ी के पैकेट पर भगवान शंकर का फोटो लगा है। मुर्शिदाबाद की हेमशंकर बीड़ी के पैकेट पर शंकर भगवान का फोटो लगा हुआ है।
सवाल ये उठता है कि जब दूध जैसे पवित्र पेय पदार्थ पर देवी-देवताओं के फोटो बर्दाश्त नहीं हैं तो जिन मादक पदार्थों के सेवन को अच्छा नहीं माना जाता, उन के पैकेट पर देवी-देवताओं के फोटो कैसे सहन किए जा रहे हैं?
हो सकता है मादक पदार्थों के ये पैकेट नजर आने पर भी किसी को ख्याल न आया हो कि इनका विरोध किया जाना चाहिए, मगर अब जब कि दूध की बोतल पर शिव जी की फोटो का विरोध किया जा रहा है तो इन मादक पदार्थों पर लगे देवताओं के फोटो पर चुप्पी पर प्रश्न चिन्ह लगता ही है।
हालांकि यह पता नहीं हिंदूवादी संगठनों को डेयरी के दूध का विरोध करने की प्रेरणा कहां से मिली, मगर यह आशंका तो होती ही है कि सहकारी आंदोलन से जुड़े महकमे के उत्पाद का विरोध कहीं इस कारण तो नहीं हो रहा कि यह कांग्रेस राज में लॉंच किया गया है? साथ ही सवाल ये कि उन्हें निजी क्षेत्र के व्यापारियों के आपत्तिजनक उत्पादों पर ऐतराज क्यों नहीं होता?
-तेजवानी गिरधर
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