– डा.एल.एन.वैष्णव- भोपाल/ किस तरह अशांती फैलाकर उथल पुथल मचायी जाये इसके लिये आतंकवादी संगठन लगातार प्रयास करने में लगे हुये हैं । पूर्व सरकारों के इनको कुचलने के प्रयासों में किये गये कार्य कितने प्रभावी और परिणाम दायक रहे लगातार प्रश्रों को उपजाते रहे हैं? शायद यही एक बडा कारण भी इनके बार-बार फन उठाने में सहयोगी बनता रहा और बात देश के बाहर से हो या देश के अंदर वह अपने फन को फैलाने की दिशा में कार्य करते रहते हैं। भारत के अंदर ही कार्य कर रहे एक एैसे ही प्रमुख संगठन पर नजर डालें तो आपके सामने एक नाम होगा जो कि अपनी सक्रियता को लगातार बढाने में लगा हुआ है। जी हां हम बात कर रहे हैं इंडियन मुजाहिदीन एवं सिमी की जो अपने कार्य क्षेत्र में विस्तार करते जा रहा है। हाल ही में मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में न्यायालय परिसर में अबू फैजल सहित उसके सहयोगी आंतकवादियों ने जिस प्रकार नारे बाजी एवं धमकियों को खुलेआम दिया इस बात का साफ संकेत देता है कि इनके इरादे कितने बुलंद हैं। जानकारों की माने तो मध्यप्रदेश में इनका जाल काफी फैला होना बतलाया जाता है।

देखा जाये तो नरेन्द्र मोदी के प्रधान मंत्री बनने से इनमें हताशा का भाव उत्पन्न हो चुका है और इनका प्रयास है कि लगातार अशांति फैलाकर अपनी उपस्थिति देश में ही नहीं अपितु अंतराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान बनायी जा सके। इस संबध में जानकार बतलाते हैं कि सिमी का तालिबान तथा अल-कायदा से निकटता है,जबकि इंडियन मुजाहिद्दीन से इसका कुछ विशेष लेना देना नहीं है। संबध नहीं होने के वावजूद भी दोनो का लक्ष्य तो एक ही है जैसे राष्ट्रविरोधी कार्य ,अशांति फैलाना है। सबसे अधिक चिंतन का मामला तो यह सामने आयी है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जान से मारने की योजना का ब्लूप्रिंट तैयार कर रखा है। इनका प्रयास यह भी है कि वह अपने आका चीफ सफदर नागौरी जो कि गुजरात की साबरमती जैल में बंद है को किसी भी तरह से बाहर निकाला जा सके। गत कुछ दिन पूर्व ही प्रदेश की राजधानी भोपाल के न्यायालय में राज्य की एटीएस ने लगभग 17 हजार पृष्ठों एक चार्जशीट प्रस्तुत किया है। जिसके अनुसार चार्ज शीट मेंं सिमी के आतंकवादी अबु फैजल जो मध्यप्रदेश का प्रमुख बतलाया जाता है के साथ उसके अन्य आतंकियों के विरूद्ध गंभीर आरोपों को लगायाा गया हैं। प्रस्तुत चार्जशीट के अनुसार सिमी द्वारा अल-कायदा से सम्पर्क बनाए हैं इसके पीछे का उद्ेश्य गत 9/11 के आरोपी एवं अमेरिका में प्रशिक्षत न्यूरोसाइंटिस्ट आफिया सिद्दीकी को एफबीआई से मुक्त कराया जा सके।
प्रदेश में फलता-फूलता सिमी-इंडियन मुजाहिद्ीन-
मध्यप्रदेश में सिमी के कार्यकताओं के लगातार सक्रिय होने की जानकारी आये दिन प्रकाश में आती रहती है। प्राप्त जानकारी के अनुसार सिमी संगठन को खडा करने वाला सफदर नागौरी मालवा का रहने वाला है। गत दिवस प्रदेश के ही इंदौर में एटीएस ने छापेमारी करते हुये नगौरी के साथ उसके अनेक साथियों को धर दबोचा था,नागौरी तथा उसके कुछ साथी काल कोठरी में हैं। इंडियन मुहाहिद्ीन ने सिमी के इस गढ में अपनी दखल को प्रारंभ कर दिया है। आतंक फैलाने में यह नाम लगातार उभरकर सामने आ रहा है। गत बर्ष हुये पटना में बम्ब विस्फोटों में इसका हाथ सामने आया था। लेकिन इस बीच, इंडियन मुजाहिदीन ने भी अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। अपनी पहचान एवं दबदबे को बनाये रखने के लिये यह दोनो संगठन लगातार प्रयासरत हैँ। इनकी नजर भारतीय ईस्लाम धर्माबलंबियों पर है वह उनको प्रेरित कर उनमें से अधिकांश युवाओं का पथ भ्रष्ट कर उक्त गतिविधियों में संलग्र कर अपना उद्ेश्य पूरा करने में लगे रहते हैं। आतंक के साथ चंदा वसूली इनका प्रमुख उद्ेश्य बतलाया जाता है। मध्यप्रदेश के कुछ जिले एैसे हैं जिनमें इनकी सक्रियता अधिक होने की बात सामने आती रहती है। हाल ही में कुछ नये नेताओं के नाम सामने आये है जैसे अबु फैजल तथा इरफान नागौरी यह दो नए आतंकी के नाम बतलाये जाते हैं। मध्यप्रदेश के कुछ शहरों में इनके कार्यकर्ताओं के होने की बात चर्चाओं में लगातार आ रही है जिसमें प्रदेश का दमोह भी सम्मिलित होने की जमकर चर्चा है। मुस्लिम बाहुल क्षेत्रों में अचानक कुछ नये चेहरे उभर कर सामने आने की बात आती रहती है? खुफिया विभाग एवं सुरक्षा में लगे विभागों के लोग भले ही इस बात को नकारें या अपनी जिम्मेदारियों से बचें परन्तु दमोह एक बडा गढ बनने की चर्चा लगातार सामने आ रही है? वहीं न्यायालय में प्रस्तुत दस्तावेजों में एटीएस ने जो मामले प्रस्तुत किए हैं वह चौंकाने के साथ चिंतन के साथ कार्यवाही करने की आवश्यकता की ओर ईशारा करते हैं। जिसके अनुसार साबरमती जेल को तोडऩे की कोशिश का मामला प्रमुख है। जानकारों के अनुसार एटीएस को आतंकियों ने बतलाया है कि फिलहाल चंदा बटोरने के लिए अंतरराष्ट्रीय संगठनों की मदद ली जा रही है।
प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी निशाने पर-
स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) की हाल ही प्रमुखता से नजर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर होना बतलाया जाता है। हाल ही में मिली नमों को लोकसभा चुनाव में मिली अपार सफलता ने सिमी के आकांओं की बेचनी को बढा दिया है। वह तो क्या कोई आतंकवादी संगठन नहीं चाहता था कि नमों को सफलता मिले परन्तु राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं एवं नरेन्द्र मोदी के लगातार किये प्रयास ने भाजपा को आशातीत सफलता प्रदान कर विरोधियों की हवा निकाल कर रख दी। मामला चाहे देश के अंदर हो या बाहर उथल-पुथल का माहौल इनके द्वारा किये जा रहे कृत्य इसी हतासा के परिणामों को दर्शाता है। गत कुछ दिनो पूर्व सिमी के ही लगभग पन्द्रह आंतकवादियों को भोपाल न्यायालय परिसर में मोदी विरोधी एवं तालिबान जिन्दाबाद के नारे लगाना इसी बात की ओर इशारा करता है। अबू फैजल जो कि कई गंभीर मामलो का आरोपी है अपने साथी आतंकियों के साथ गत अक्टूबर 2013 में खंडवा की जेल से फरार हो गया था। हालांकि पुलिस इन्हें तत्काल वाहन में लेकर वापस भोपाल के सेंट्रल जेल ले गयी थी। इस घटना से केंद्रीय खुफिया एजेंसियों को हरकत में ला दिया है। पुलिस द्वारा उक्त नारेबाजी की इस घटना को लेकर अबु फैजल सहित समस्त आरोपियों के विरूद्ध धारा 153 डी और 295 ए के तहत मामला पंजीबद्ध कर लिया था।
अन्य देशों को भी घेरने की योजना-
अपने आपको देश ही नहीं अपितु विश्व में पहचान बनाने की चाह में लगातार प्रयास तेज करते हुये इंडियन मुहाहिद्ीन एवं सिमी आगे बढ रहे हैं। इस बात का खुलासा उस समय हुआ जब एटीएस के अधिकारियों को अबु फैजल ने पूंछतांछ के दौरान बतलाया था कि वह अमेरिकी पर्यटकों को बंधक बनाकर फिरौती के तौर पर आफिया सिद्दीकी को रिहा कराना चाहते थे। इसी तरह की योजना का खुलासा इंडियन मुजाहिदीन के सह-संस्थापक यासिन भटकल ने एनआईए अधिकारियों के सामने भी किया था। ज्ञात हो कि भटकल को गत बर्ष नेपाल से गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त हुई थी। भटकल द्वारा किये गये खुलासे के अनुसार उसने एनआईए को बतलाया था कि वह विदेशी पर्यटकों को बंधक बनाकर अमेरिका पर आफिया को छोडऩे का दबाव डालना चाहता था। पाकिस्तान से समर्थन प्राप्त इंडियन मुजाहिदीन के साथ मिलकर कोई बम धमाके की साजिश रचने से इंकार हालांकि इंकार किया, जबकि फैजल के अनुसार कि पाकिस्तानी दूतावास हिट लिस्ट पर था। बतलाया जाता है कि फैजल एवं इरफान नागौरी ने सिमी चीफ सफदर नागौरी को मुक्त कराने साजिश रची थी। ज्ञात हो कि सफदर अहमदाबाद में साबरमती सेंट्रल जेल के हाई-सिक्योरिटी बैरेक में बंद है। जिसको रिहा के लिए जेल की दीवार को धमाके से उड़ाकर वहां तैनात गार्ड्स के साथ मुठभेड़ की योजना का प्रयास था। विदित हो कि उक्त योजना को विफल करने में सुरक्षाकर्मीयों ने सफलता प्राप्त कर ली थी जिसके चलते जेल स्टाफ ने 18 फूट लंबी सुरंग का पता लगा लिया था, जिसके बाद योजना को विफल कर दिया गया था।