-सिद्धार्थ शंकर गौतम– श्रीनगर के एक होटल में काम करने से लेकर आईपीएल की कोच्चि टीम में हिस्सेदारी को लेकर विवादों में रहने वाली और किसी जमाने में पेज थ्री पार्टियों की शान रहीं सुनंदा पुष्कर की संदेहास्पद मृत्यु के एक साल बाद दिल्ली पुलिस का यह रहस्योदघाटन कि उनकी मौत ज़हर देने से हुई है, सियासत में महिलाओं की स्थिति बयां करता है। कांग्रेस नेता शशि थरूर से तीसरी शादी के बाद सुनंदा का कद सियासत में तेजी से बढ़ा था। दुबई में अपने संबंधों को भुनाकर उन्होंने भारत में सियासत के मजबूत धड़े का हाथ थामकर यह साबित किया था कि उनकी महत्वाकांक्षाएं छोटी तो कतई नहीं हैं। हालांकि आईपीएल विवाद के बाद उन्होंने सियासत की तरफ बढ़ना तो छोड़ दिया था किन्तु कांग्रेस के एक गुट से उनकी नजदीकी हमेशा बनी रही। शायद यही वजह है कि वरिष्ठ भाजपा नेता सुब्रमण्यन स्वामी ने संदेह जताया है कि शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा का हाथ हो सकता है। स्वामी ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भी लिखा। दरअसल स्वामी ने संदेह जताते हुए कहा कि कोच्चि टस्कर्स नाम की आईपीएल टीम में रॉबर्ट वाड्रा का पैसा लगा हुआ था और सुनंदा पुष्कर इस समझौते में हुई मनी लॉउन्ड्रिंग के बारे में जानती थीं, इसलिए उन्हें रास्ते से हटा दिया गया। स्वामी के संदेह को यदि नकार भी दिया जाए तो यह अब तक साफ़ नहीं हुआ है कि आखिर सुनंदा की मौत कैसे हुई? हालांकि दिल्ली पुलिस ने एम्स की रिपोर्ट के आधार पर सरोजनी नगर पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 302 के तहत अज्ञात शख्स के खिलाफ मामला दर्ज करवा दिया है। दिल्ली पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि सुनंदा को जहर खिलाया गया था या फिर उन्हें इंजेक्शन लगाया गया था? शरीर में जहर की मौजूदगी को लेकर पुलिस सुनंदा के विसरा की टेस्टिंग विदेश में करवा रही है। इस केस की जांच के लिए स्पेशल टीम बनाई गई है। पुलिस के अनुसार पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट मे साफ हुआ है कि सुनंदा के शरीर पर चोट के 15 निशान थे। मृत पाए जाने के एक दिन पहले सुनंदा और उनके पति शशि थरूर ने एक जॉइंट स्टेटमेंट जारी किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके ट्विटर अकाउंट से हुए अनाधिकृत ट्वीट्स पर हुए हंगामे से वे तनाव में हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि वे ‘शादी से खुश हैं और आगे भी इसी तरह रहना चाहते हैं।’ लेकिन अगले ही दिन सुनंदा की लाश लीला होटल से मिलने पर राजनीतिक हलकों में हंगामा मच गया था। इस पूरे मामले में शशि थरूर की भूमिका काफी संदेहास्पद रही है और यूपीए सरकार में कद्दावर नेता होने के चलते उन्हें सत्ता का संरक्षण प्राप्त हुआ है। अब जाकर इस मामले में शशि थरूर से भी पूछताछ की जा सकती है।
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