संथारा पर रोक : चंद सवाल

questionदेश मेँ जैन समाज एक सभ्य व अहिंसा के प्रतीक के रुप मेँ जाना जाता है इनके सिद्धांत संपूर्ण ब्रमांड में किसी भी जीव की हिंसा तो दूर हिंसात्मक विचारधारा की भी इजाजत नहीँ देता ! एेसे उच्च कोटी विचारधारा वाले धर्म के संथारा समाधि राजस्थान हाईकोर्ट को आत्महत्या लगती हैे यह समाज अदालत की अवहेलना तो नहीँ कर रहा हेै परंतु अदालत से निन्न सवालोँ का जवाब चाहता हेै. :–

(1) संथारा को अदालत ने आत्म हत्या कहा है हम पूछना चाहते हैँ कि आत्म शब्द किससे बना हे आत्मा से बना हे ना ! अदालत हमें बताए आत्मा शरीर का कौन सा भौतिक अंग है ?

(2) क्या अदालत धर्म और आस्थाओं मेँ विश्वास नहीँ करती ? ( हां / ना )

(3) अदालत धर्म मेँ विश्वास नहीँ करती हेै तो अदालत मेँ गीता , कुरान , बाइबिल पर हाथ रख कर शपथ क्यूँ दिलाई जाती हेै ? जबकि पता है कि दो पक्षोँ मेँ से एक पक्ष झूठ बोलेगा ! इन पवित्र ग्रंथों का जान बूझकर मजाक व अपमान क्यूँ किया जाता है ?

(4) आदलत को जैन शास्त्रोँ के बारे मे कितना ज्ञान है ? बिना पूर्ण ज्ञान के अपना निर्णय नहीँ सुना सकते ! संविधान भी इसकी इजाजत नहीँ देता है ! निर्णय देने से पूर्व आपको जैन शास्त्रोँ का पूर्ण ज्ञान होना आवश्यक हैे !

(5)अंडे को कानूनन् शाकाहारी माना गया है क्या अदालत इसे सिद्ध कर सकती है ? अगर नहीँ तो लोगोँ की भावना के साथ खिलवाड़ है क्यूँ ?

(6) लोगोँ का यह भी कहना हे कि दूध मांसाहारी हेै आपकी क्या राय हेै ? अगर हाँ तो सिद्ध करें !

(7) यदि अदालत को संथारा समाधि आत्महत्या लगती हेै तो देश मेँ इतने कत्लखाने चल रहे हे इन पर आपकी नजर क्यूँ नहीँ पड़ती ? धर्म के नाम पर पशु बलि को क्यूँ नहीँ रोकते ?

(8) क्या अदालत के सभी न्यायाधीश शाकाहारी हैे यदि नहीँ तो आप एक पशु के साथ न्याय नहीँ कर सकते तो धर्म की बात केैसे समझेंगे ?

(9) जो देश के लिए जान देता हे शहीद कहलाता हेै तथा आत्म कल्याण के लिए किया गया संथारा आत्महत्या कैसे हुआ ? यह दोहरी विचारधारा क्योँ ?

(10) यदि संथारा समाधि आत्महत्या है तो महाभारत में भीष्म पितामह को इच्छा मृत्यु का वरदान प्राप्त था तथा उन्होने इच्छामृत्यु वरदान का उपयोग किया था इस बारे में आपकी क्या राय है ?

(11) अदालत को धर्म मेँ विश्वास नहीँ है तो मंदिर मस्जिद के मुकदमे धर्म के आधार पर क्यूँ लड़े जाते है ?

(12) धर्म मेँ विश्वास नहीँ हे तो धर्मों के नाम पर कानून क्योँ बना रखेँ हैं? जैसे हिंदू कानून अधिनियम , मुस्लिम लॉ ! कानून सिर्फ इंसान और इंसान के लिए क्योँ नहीँ बनाया गया ?

(13) देश की सभी जातियाँ धर्म के आधार पर विभाजित हेै फिर देश मेँ जातिगत आरक्षण क्यों ?
इन सभी सवालों का जैन समाज आपसे उत्तर चाहता हेै उम्मीद है न्याय संगत उत्तर मिलेगा ! whats app

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