13 दिसम्बर को राजस्थान की सीएम वसंधुरा राजे ने अपनी सरकार के दो वर्ष पूरे होने पर जयपुर में जो जश्न मनाया, उसकी सबसे बड़ी उपलब्धि यही है कि वसुंधरा सरकार को पांच वर्ष चलने का लाइसेंस मिल गया है। पहले ललित मोदी फिर खान घोटाला और अब सरकार की विफलता के मद्देनजर कहा जा रहा था कि वसुंधरा को सीएम के पद से हटाया जाएगा लेकिन 13 दिसम्बर को जयपुर में जश्न के समारोह में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने स्पष्ट कर दिया कि वसुंधरा राजे के नेतृत्व में ही राजस्थान की भाजपा सरकार पांच वर्ष तक चलेगी। बीते दो वर्ष में सबका साथ सबका विकास के नारे को पूरा करने में राजे ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। तीन वर्ष बाद फिर चुनाव होने पर राजस्थान में भाजपा की ही सरकार बनेगी। शाह ने कहा कि दिल्ली में नरेन्द्र मोदी की सरकार होने का जयपुर में वसुंधरा राजे ने पूरा फायदा उठाया है। शाह ने राजे के नेतृत्व की जमकर प्रशंसा की। शाह ने जिस प्रकार राजे सरकार को लाइसेंस दिया उससे स्पष्ट हो गया कि अब प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन नहीं होगा।
राजे भी हुई जोशीली:
अमित शाह ने जिस प्रकार प्रशंसा के पुल बांधे, उसकी वजह से वसुंधरा राजे ने भी जोश दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। शाह के बाद अपने संबोधन में राजे ने कहा कि टीवी चैनलों और अखबारों में कुछ भी छपता रहे लेकिन प्रदेश की जनता उनके कामकाज से संतुष्ट है। इसलिए उनके शासन में लोकसभा की सभी 25 सीटें जीतने के बाद पंचायतीराज और स्थानीय निकायों के चुनाव में भी भाजपा की बड़ी जीत हुई है। कांग्रेस पर हमला करते हुए राजे ने कहा कि मैंने दो वर्ष में वो कार्य किए हैं जो कांग्रेस ने 50 वर्ष में नहीं किए। अशोक गहलोत और सचिन पायलट का नाम लिए बगैर राजे ने कहा कि अखबारों में कुछ भी बयान छपवाए लेकिन प्रदेश की जनता सच्चाई को जानती है।
अटकलों पर लगा विराम:
अमित शाह की शाबासी और राजे के जोश के बाद उन अटकलों पर विराम लग गया है जिनमें राजे को सीएम पद से हटाने की बात कही जा रही थी। अब यह स्पष्ट है कि आने वाले दिनों में राजे अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लेगी। ऐसे निर्णय हटाने की चर्चाओं के कारण रूके हुए थे। सबसे पहला फैसला अशोक परनामी को प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष के पद पर दोबारा से नियुक्त होना। इसके बाद राजस्थान लोक सेवा आयोग जैसे संस्थानों में रिक्त सदस्यों के पदों पर नियुक्ति होगी। साथ ही जयपुर अजमेर और जोधपुर के विकास प्राधिकरणों के साथ-साथ नगर सुधार न्यासों पर राजनैतिक नियुक्तियां की जाएगी। इतना ही नहीं राज्य के मुख्य सचिव सीएस राजन का कार्यकाल भी एक वर्ष के लिए बढ़ाने का निर्णय लिया जाएगा। राजन 31 दिसम्बर को सेवानिवृत हो रहे हैं। यानी राजे ही सत्ता का केन्द्र बनी रहेगी इससे उन भाजपा नेताओं के अरमानों पर पानी फिर गया है जो राजे के हटने का इंतजार कर रहे थे।
(एस.पी. मित्तल)
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