हम तो इसी उधेड़ बुन मे फँसे हुए थे कि हमारे मित्र मुंशी इतवारी लाल भी आ गए । अपने मन की बात हमने मुंशी जी को भी बताई तो मुंशी जी बोले कि बेटा देश और देश के अंदर कोई भी काम मन से नहीं चलता देश कानून से चलता है ऐसा कहना हमारे लोकप्रिय प्रधान सेवक जी का है ! इसलिए बेटा जी अपने मन की बात को मन में ही रहने दो ! बुलेट ट्रेन तो चलनी है और चल कर ही रहेगी ? क्योंकि यह देश के गौरव की बात जो है ? भले ही देश में रेल की रफ़्तार कुछ भी मुम्बई से अहमदाबाद के लिए पहली बुलेट ट्रेन 96000 हजार करोड़ रुपये के कर्ज से जापान हमें बना कर देगा ? अब यह ट्रेन किन गरीब लोगों की सेवा करेगी हमारे सेवक जी ने नहीं बताया पर अंदर की बात यह है कि ये बुलेट ट्रेन सेवक जी के दो परम मित्रो अडानी और अम्बानी को जरूर जोड़ देगी ?
वैसे हमें तो मालूम नहीं है की देश में रेल की रफ़्तार क्याहै ! क्योंकि इस बुढ़ापे में घर के लोग ट्रेन में सफर नहीं करने देते है ! पर आस पड़ोस के लोग बताते है किं उन लोगो को मेरठ से दिल्ली का सफ़र तय करने में। पैसेंजर रेलगाड़ी से तीन घंटे और मेल एक्सप्रेस से दो घंटे लगते हैं जिसकी कुल दुरी 72 किलोमीटर ही है ! यानिकि 18 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से रेल चलती है !! इसलिए अगर तेज रफ़्तार की ट्रेन देश में चलेगी तो देश का गौरव बढ़ेगा हमें और क्या चाहिए ?
एस.पी. सिंह, मेरठ