sohanpal singhभारतीय जनता पार्टी को बाहर से देखने में तो ऐसा लगता है की यह पार्टी दुनिया की सबसे बड़ी राजनितिक पार्टी है परंतु वास्तविकता में ऐसा नहीं है बावजूद एक विशाल काडर के बाद भी इसमें नेताओं का अकाल ही है ? और वह स्वाभाविक ही है क्योंकि सत्ता के घोड़े पर सवार कोई भी नेता किसी दूसरे को अपने कद तक बढ़ने नहीं देता और यही एब बीजेपी में भी विद्यमान है? हिंदुत्व के अभिशाप से अभिशप्त इस पार्टी के पास नेतृत्व की कमी न होते हुए भी उन्ही घिसे पिटे चेहरों के भरोसे भविष्य को सवांरने की एक और कोशिस में फिर से गुजरती जोड़ी मैदान में ! असम , बंगाल , पंजाब, और यूपी को जितने की जंग में कूदने को तैयार ? लगता तो नहीं है की जोड़ी सफल होगी क्योंकि जिस प्रकार दलित और मुस्लिम विरोधी होने के आरोप लगते है उससे पर पाने के लिए बीजेपी के पास कोई बड़ा चेहरा न तो मुश्लिम है और न ही दलित ? परंतु राजनीति संभावनाओं का खेल है और राजनीती में सबकुछ संभव है ?