sohanpal singhआजकल कुछ मुख्य धारा के tv चैनलों की डिबेट में एक चलन सा हो गया है कि विषय कोई सा भी हो सामाजिक, राजनैतिक, अपराधिक या फिर देश भक्ति या देशद्रोह उसमे विभिन्न राजनितिक दलों के प्रवक्ताओं के साथ साथ उस विषय के कथित विशेषज्ञ के अतिरिक्त कुछ चैनल “आर एस एस के जान कार ” ,के रूप में कुछ लोगों को भी आमंत्रित करते हैं जो समझ से परे है क्योंकि ये कथित जानकर केवल आर एस एस के प्रचारक के रूप में केवल हिंदुत्व के एजेंडे को आगे बढ़ाते नजर आते हैं जबकि आर एस एस यह प्रचार करता है की वह एक सांस्कृतिक संघटन ही है उसका राजनीती से कोई लेना देना नहीं ? जाकी यह भी अब किसी से छुपा नहीं है की बीजेपी आर. एस. एस. की ही राजनीती शाखा है ? तो फिर टीवी चैनल पर बीजेपी और आरएसएस के प्रवक्ताओं को एक साथ क्यों स्थान दिया जाता हे क्या यह प्राईवेट टीवी चैनलों का जाने अनजाने भगवा कारण हो रहा है या ये पेड़ न्यूज़ की श्रेणी का मामला है ? क्योंकि जैसा कि अभी देखने में आ रहा है देश भक्ति का तांडव काले कोट की आड़ में कुछ आर एस एस के गुंडे हाथ में खुले आम डंडे लेकर जिसमे तिरंगे झंडे की आड़ में अपनी देश भक्ति प्रदर्शित कर रहे थे और कानूनी प्रक्रिया को बाधित भी कर रहे थे ? ये कैसी राष्ट्र भक्ति है ?
एस. पी. सिंह। मेरठ