शीश नहीं इस्तीफा ही दे दो मैडम ?

smriti iraniअब यह किसी से छुपा नहीं है की माननीया एच सर डी मिनिस्टर श्रीमती ईरानी के पास कोई शैक्षिक डिग्री नहीं हैजैसा की उन्होंने स्वयं ही लोकसभा में उदघोषित किया था ? और वैसे भी किसी भी व्यक्ति की योग्यता का आधार डिग्री से मापना कोई समझदारी का काम नहीं है ?

नेता की योग्यता तो उसके कर्मो (कार्य) से परखनी चाहिए ? हमने उनका लोकसभा में भाषण सुना ! क्या धाराप्रवाह हिंदी अंग्रेजी के साथ संस्कृत का भी समावेश किस खूबी से किया विरोधी मंच छोड़ कर चले गए ? लेकिन राज्य सभा में न तो तेवर दिखे न चीखना चिल्लाना दिखा , जैसे दिशाभ्रम हो गया हो और उसी झोंक में एक बड़े प्रदेश की 6 बार की मुख्य मंत्री रही कुमारी मायावती को ही चैलेंज कर बैठी की ” अगर आप मेरी बातों /उत्तर से संतुष्ट नहीं हुई तो मैं अपना सर काट के आपके चरणों में रख दूंगी ”
दो दिन बाद मायावती जी ने राज्यसभा में इरानीजी से पूछ ही लिया की मैं आपके उत्तर से संतुष्ट नहीं हूँ क्या आप अपना वायदा निभाएंगी यानि सर काट के चरणों में रखेंगी ? अब ईरानी जी का यह संकल्प तो पूरा होना ही चाहिए क्योंकि यह संकल्प उन्होंने संसद के अंदर लिया था इसलिए संसद की गरिमा का पालन तो होना ही चाहिए ? वैसे यह मामला रोहित वेमुला से जुड़ा हुआ था जिस पर दो महिलाओं में तकरार थी इस लिए अगर ईरानी जी अपने सर के स्थान पर अपना इस्तीफा ही दे दें तो रोहित की आत्मा को शांति मिलेगी ?

एस पी सिंह, मेरठ ।

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