भारत रत्न,इतिहास पुरुष प.जवाहर लाल जी नेहरु को छठी से आठवीं तक की किताबों में से निकालना भाजपा की वसुंधरा सरकार की ओछि मानसिकता का प्रतीक है।इतिहास से खेलना,इतिहास को झुठलाना देश की पीढ़ियों के साथ अन्याय है।सरकार ध्यान रखे जनता के धैर्य की परीक्षा ना ले।
प्रांत की धर्मनिरपेक्ष शक्तियों को सरकार की चुनौती है छेड़खानी है।हम को मिलकर जवाब देना चाहिए।इतिहास को बिगाड़ना एक आपराधिक कृत्य है जिसका लोकतंत्र में कोई स्थान नही है।
सरकार ध्यान रखे बच्चों के चाचा नेहरु को आम आदमी के दिल से नही निकाल सकते,अपना दिल बहला सकते है।
सावरकर आपका अजेंडा हो सकता है पर नेहरु को निकाल सावरकर का समावेश किसी भी दृष्टि से न्यायोचित नही है।
आओ मिलकर इन साम्प्रदायिक,कट्टरपंथी ताक़तों के इरादे नाकाम करे।
भाजपा यह भी ध्यान रखे कि यह शुरुआत ठीक नही है।
